रायपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर जोन में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है. वो इसलिए क्योंकि अपने खिलाफ हुई जांच से नाराज एक महोदय विभीषण का काम कर रहे है. इस विभीषण महोदय ने लल्लूराम डॉट कॉम से भी कुछ दिनों पहले संपर्क किया और विभाग के कई भेद बताए.
इसमें एक भेद एएसआई के अफेयर का था. लेकिन मामला गंभीर था, इसलिए बिना प्रमाण लल्लूराम डॉट कॉम ने विभीषण द्वारा दी गई जानकारी पर कोई भी खबर नहीं बनाई. बाद में पता चला कि जिस एएसआई का भेद वो बता रहे है वो कभी उनके मित्र हुआ करते थे.
विभीषण ने लल्लूराम को ये भी बताया कि जीआरपी ने एक पर्स को लौटाने के मामले में कुछ रिश्वत ली. लेकिन ये जानकारी भी विभीषण ने लल्लूराम को अपने फायदे के हिसाब से बताई, जबकि सच्चाई ये थी कि इस मामले में खुद विभीषण की करतूतों से विभाग के उच्च अधिकारी नाराज है.
विभीषण ने लल्लूराम को ये भी दिव्य ज्ञान दिया कि हम एक ऐसी खबर बनाए जो इंस्पेक्टर के फेवर में हो. ऐसे में हमने विभीषण की बातों पर यकीन न करते हुए कोई भी खबर नहीं बनाई.
लल्लूराम ने अपने सूत्रों से ये पता किया कि क्यों ये विभीषण लल्लूराम में अपने इंस्पेक्टर के फेवर वाली खबर प्रकाशित करना चाह रहा है, जबकि कुछ दिनों पहले इंस्पेक्टर के साथ हुए उसके विवाद की चर्चा पूरे जोन में थीं.
तब पता चला कि विभीषण ने लंका ढहा देने की कसम सी खाई है और वे अपने खिलाफ हुए जांच से नाराज है और यही कारण है कि वे लल्लूराम को अपना मोहरा बनाकर एक खबर प्रकाशित करवाने चाह रहे है, जिससे ये लगे कि खबर इंस्पेक्टर ने लल्लूराम को बताई है और कार्रवाई एएसआई के खिलाफ भी हो जाए.
इस संबंध में हमने उक्त इंस्पेक्टर से भी जानकारी लेनी चाही, लेकिन उन्होंने हमसे बात करने से मना कर दिया और कहा, इस संबंध में आपको जो भी जानकारी लेनी है उनके बिलासपुर में बैठे उच्च अधिकारियों से ले लें.
विभीषण की पोल तब और खुल गई जब पता चला कि पिछले दिनों उसके खिलाफ एक जांच हुई थी, जिसमें उसे चार्जशीट मिलने वाली है. इसी बात से नाराज विभीषण ने लल्लूराम डॉट कॉम को अपना हथियार बनाकर एक खबर प्रकाशित करवानी चाही, जो एएसआई के अगेंस्ट और इंस्पेक्टर के फेवर की हो, दूसरी खबर इंस्पेक्टर के अगेंस्ट की हो और विभीषण की एक तीर से दोनो पर कार्रवाई हो. बता दें कि विभीषण को जिस मामले में चार्जशीट मिलने वाली है उसमें जांच करने उक्त एएसआई गए थे, जिसके बारे में वे एक अफेयर की कहानी लल्लूराम से कानो में पहुंचाई थी. सूत्र बता रहे है कि अब विभाग के वो सब लोग एक हो गए है जो कभी न कभी विभीषण से पीड़ित हुए हो और विभीषण के कई किस्से सामने आ रहे है.