रायपुर. राज्य में पहली बार विश्व हिंदू परिषद की बड़ी पदयात्रा का आयोजन किया गया है। इसका आगाज महाशिवरात्रि से आज होगा। यात्रा आदिशक्ति मां के चार दरबारों से एक साथ निकालेगी। यात्रा का नेतृत्व बमलेश्वरी से महंत सर्वेश्वर दास, मां दंतेश्वरी से त्रिवेणी दास, मां महामाया से परमात्मानंद और मां चंद्रहासिनी से राकेश महाराज करेंगे। इन सभी संतों ने एक स्वर में कहा, यात्रा का पहला मकसद सनातन धर्म को बचाना और देश को हिंदू राष्ट्र बनाना है। हिंदू राष्ट्र की नींव भी ठीक उसी तरह से छत्तीसगढ़ से रखी जाएगी, जिस तरह से यहां रायपुर में राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता खुला था।यात्रा के संयोजक महंत सर्वेश्वर दास ने कहा, यात्रा का मकसद हिंदू राष्ट्र के साथ ही मानवता की रक्षा करना है। उन्होंने कहा, आज सनातन धर्म को समाप्त करने की साजिश हो रही है। यानी मानवता को समाप्त करने के प्रयास हो रहे हैं। सनातन धर्म ही तो मानवता है। अगर यही समाप्त हो जाएगा तो क्या बचेगा। उन्होंने कहा, सनातन धर्म के बारे में भ्रांति फैला रहे हैं। रामायण के बारे में टिप्पणी करते हैं। तुलसीदास को गाली दी जा रही है। आस्था को लेकर हमला हो रहा है। हनुमान चालीसा को ढोंग बता रहे हैं। उन्होंने कहा, यात्रा में हिंदुओं को जगाने का काम होगा और हिंदू राष्ट्र की बात होगी। उन्होंने कहा, समाज को एकजुट करना है। राजनीति के लिए छुआछूत की बात करते हैं। आज कहीं छुआछूत जैसी बात नहीं है।
सनातन राष्ट्र कहना ज्यादा अच्छा
मां चंद्रहासिनी से निकलने वाली यात्रा का नेतृत्व करने वाले राकेश महाराज कहते हैं। सनातन धर्म को आज हिंदू धर्म कहा जाता है, इसलिए हिंदू राष्ट्र कहा जा रहा है। मेरा मानना है, सनातन राष्ट्र कहना ज्यादा उचित होगा। उन्होंने कहा जाति आर्य है, धर्म वैदिक है। धर्मग्रंथ वैद है। ईश्वर प्रणव है, ओम है। उन्होंने कहा, हिंदुओं को यात्रा में धर्मांतरण को लेकर भी जागृति करना है। समाज में एकता की बात भी करेंगे। उन्होंने कहा, हिंदू का मतलब है हिंसा रहित। श्रेष्ठ गुणों से परिपूर्ण तो यह सब आर्य में है। इसलिए सनातन राष्ट्र होना चाहिए।
हिंदू राष्ट्र जरूरी
मां दंतेश्वरी से यात्रा का नेतृत्व करने वाले त्रिवेणी दास और मां महामाया से नेतृत्व करने वाले परमात्मानंद कहते हैं, आज सनातन धर्म को बचाने के लिए हिंदू राष्ट्र जरूरी है। हिंदू राष्ट्र को लेकर हिंदू जागे इसलिए यात्रा की जा रही है। छत्तीसगढ़ के संतों का मानना है हिंदू राष्ट्र के लिए छत्तीसगढ़ से पहल होनी चाहिए, इसलिए यात्रा की योजना बनी है और अब एक माह तक यात्रा होगी।
17 मार्च को रायपुर पहुंचेगी यात्रा
मां महामाया से प्रारंभ होने वाली यात्रा सबसे पहले रामानुजगंज पहुंचेगी और यहां से आगे बढ़ेगी। बलरामपुर, तातापानी से होते हुए यात्रा सिमगा से होकर रायपुर पहुंचेगी। इसी तरह से मां चंद्रहासिनी के दरबार से प्रारंभ होने वाली यात्रा सांगरा आश्रम जशपुर से होते हुए शिवरीनारायण, बलौदाबाजार, पलारी, खरोरा होते हुए रायपुर आएगी। बस्तर के दंतेवाड़ा से मां दंतेश्वरी के दरबार से निकलने वाली यात्रा जगदलपुर, कांकेर, धमतरी, कुरुद, राजिम, अभनपुर होते हुए रायपुर आएगी। मां बम्लेश्वरी के दरबार डोंगरगढ़ से निकलने वाली यात्रा खैरागढ़, मुंगेली, धमधा, बालोद, दुर्ग, भिलाई होते हुए रायपुर पहुंचेगी। सभी दिशाओं की यात्राएं 17 मार्च को रायपुर पहुंचेगी। 18 मार्च को सभी संत राजधानी की बस्तियों में जाएंगे और वहां पर लोगों से मिलने के साथ उनके घरों में भोजन भी करेंगे।