रायपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के लगातार सियासी जंग चल रही है। कभी बयानों के माध्यम से ताे कभी सोशल मीडिया पर जंग चल रही है। इसी कड़ी में अब ट्विटर वार के साथ कई मुद्दों पर पलटवार भी पढ़ने काम रहा है। इसमें एक खास बात यह है कि एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री को दाऊजी कहते हुए सवाल दागे, वहीं मुख्यमंत्री ने डॉ रमन को ठाकुर साहब के संबोधन के साथ करारा जवाब दिया।
रमन ने एक ट्वीट किया, जनता को कितना गुमराह करोगे दाऊ जी, सवाल सिर्फ एक है कि यह दोहरा चरित्र क्यों? अब कोई इस ट्वीट में झीरम शब्द ढूंढ कर दिखा दे, उस जांच पर तो पूरी स्वतंत्रता थी क्या नतीजा निकला? 5 साल होने को आए हैं, जेब से सबूत तो नहीं निकले लेकिन ईडी ने कांग्रेसी करतूत जरूर ढूंढ निकाली है।
इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने लिखा- ठाकुर साहब”! सवाल एनआईए की जांच पर नहीं, सवाल कथित नक्सली हत्या के षडयंत्र की जांच पर है। षड्यंत्र की जांच हमारी पुलिस करती है तो एनआईए अपना क्षेत्राधिकार बताकर जांच अपने हाथ में ले लेती है।आयोग बनाते हैं तो धरमलाल कौशिक न्यायालय से स्टे ले आते हैं।
55 हजार करोड़ के कर्ज में वार-पलटवार
डा. रमन ने एक और ट्वीट में लिखा 55000 करोड़ का कर्ज लेकर कांग्रेसी सरकार ने तो छत्तीसगढ़ को इटली बनवा दिया है न? न सड़क बनी न स्कूल बने न कहीं कोई विकास हुआ तो फिर यह सारा पैसा लेकर जो छत्तीसगढ़ को कर्ज में लाद दिया है उसका कोई जवाब है आपके पास या वो भी 10 जनपथ छोड़ आए हो? इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने लिखा- ऐसा है ठाकुर साहब कि 15 वर्षों के आपके शासन के बाद जो राज्य आपने छोड़ा वह 39.9 प्रतिशत गरीबों के साथ देश का सबसे गरीब राज्य था।
यह आपकी लूट खसोट का परिणाम ही था। गरीबों के हितों पर घड़ियाली आंसू बहाना कम से कम आपको तो शोभा नहीं देता।
बाहरी लोग कौन से छाप के थे?
एक अन्य ट्वीट में डॉ. रमन ने लिखा-कोई एक नीति बना लो भूपेश बघेल एक तरफ तो राहुल गांधी भारत जोड़ने का ढोंग करते हैं दूसरी तरफ दाऊ बाहरी-भीतरी के नाम पर खुलेआम समाज को बांट कर जहर फैला कर रहे हैं। छग में डेढ़ दशक जनता का राज रहा है, इन 15 सालों में किसी को सूर्य की सौम्य किरणों की जरूरत नहीं पड़ी। श्री बघेल ने पलटवार करते हुए लिखा- ये बाहरी लोग कौन से छाप के थे ये भी जनता को बता दीजिए ठाकुर साहब।
नेतृत्व के मामले में वार-पलटवार
डा. रमन ने लिखा-कांग्रेसी आलाकमान के सामने अहं ब्रह्मास्मि दिखाने वाले दाऊ
भूपेश बघेल हो सकता है कि कांग्रेस में कोई और चेहरा न हो लेकिन यह भाजपा है। डॉ रमन एक पार्षद से मुख्यमंत्री बना है, थोड़ा धैर्य रखिए भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता प्रदेश का नेतृत्व करने की क्षमता रखता है।
जवाब में श्री बघेल ने लिखा- आपको आत्ममंथन की जरूरत है। वैसे भी भाजपा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग से ही पॉलिटिक्स करती है, इसे पूरा देश देख रहा है। आप अपनी पार्टी की चिंता कीजिए, फिलहाल भाजपा के पास आपके अलावा कोई चेहरा नहीं है। हालांकि पार्टी आपको चेहरा घोषित नहीं कर रही है।
चार साल में अधिकारी पंजा छाप कैसे हो गए
डा. रमन ने एक और ट्वीट में लिखा-पूरी तरह सहमत हूं दाऊ जी जितना काम इस सरकार ने अधिकारियों से लिया वैसा तो हम कभी नहीं ले सकते थे। आखिर शासकीय आवास पर ईडी के छापे और कोयले में 25 प्रति टन जैसी दलाली की ऐतिहासिक उपलब्धि तो कांग्रेसी विश्वविद्यालय की ही उपज हो सकती है। श्री बघेल ने लिखा- चार वर्ष में अधिकारी पंजा छाप कैसे हो गए? हम अच्छे से काम ले पा रहे हैं इसलिए आप उनको पंजा छाप बोल रहे हैं? मानना चाहिए कि यदि आप अधिकारियों से काम नहीं ले पा रहे थे तो कमी आपके अंदर ही थी।