मुंबई. 57 साल का लंबा राजनीतिक इतिहास और बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb thackeray) की विरासत संभाल रहे उनके बेटे उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) फिर मुश्किल में हैं। कभी उद्धव के राइट हैंड रहे और मौजूदा महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे (CM eknath shinde) ने ‘शिवसेना’ का नाम और सिंबल (shiv sena symbol) दोनों उनसे (उद्धव) छीन लिया है। तिलमिलाये उद्धव इसके लिए पीएम मोदी पर सीधा हमला बोल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि शरद पवार की सलाह भी उद्धव के दिमाग में है। पवार ने उन्हें सबकुछ भूलकर फिर से शुरू करने की सलाह दी है। आज उद्धव ने अपने गुट के तमाम पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों को बुलाया है। उद्धव क्या करेंगे यह तो जल्द ही स्पष्ट हो जाएगा लेकिन, उनके पास विकल्प क्या हैं, इसे समझते हैं…
शुक्रवार को चुनाव आयोग बड़ा फैसला लेते हुए शिवसेना एकनाथ शिंदे को सौंप दी। यह भी कहा कि ज्यादातर विधायक और सांसद उनके पास हैं। उधर, फैसले से गुस्साए उद्धव ठाकरे ने इसे प्रजातंत्र की हत्या करार दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पास अभी मामला विचाराधीन है तो आयोग को इतनी जल्दीबाजी क्यों थी? उद्धव ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात तो कही ही है साथ ही उनके दिमाग में टेंशन भी आ गई है कि 57 साल पुरानी जिस राजनीतिक विरासत को उनके पिता और बालासाहेब ने शुरू किया था और उन्हें सौंपा था, उसका भविष्य क्या होगा?
आज आपात बैठक
उद्धव ठाकरे ने शनिवार को उनके गुट के विधायक, सांसद और पदाधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि आयोग के कहने पर उन्होंने तमाम पदाधिकारियों और शिवसेना सदस्यों के हस्ताक्षर वाले हजारों पत्र सौंपे थे। बहुमत उनके पास था लेकिन, जब आयोग को विधायक और सांसदों की संख्याबल से ही फैसला लेना था तो हमारा टाइम क्यों बर्बाद किया? बता दें कि शिंदे गुट के पास 50 से ज्यादा शिवसेना विधायकों का समर्थन है। वहीं, उद्धव के पास सिर्फ 15 विधायकों का साथ। ऐसे ही सांसदों में ज्यादातर शिंदे के पास हैं।
पवार की नसीहत अपनाएंगे
उद्धव ठाकरे के पास विकल्पों की कमी है। शिवसेना सिंबल पर आयोग का फैसला आने के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने उद्धव को सलाह दी है कि वो सबकुछ भूलकर फिर से पार्टी को शुरू करें। सिंबल कुछ मायने नहीं रखता। उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का हवाला दिया और कहा कि कैसे कांग्रेस दो बैल से हाथ पर आई। लोगों का विश्वास चेहरे पर होता है न कि सिंबल पर। पवार ने भरोसा जताया कि शिवसेना उद्धव का ही साथ देगी।
सुप्रीम कोर्ट जाएंगे उद्धव
उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी बात कही है। सूत्रों का कहना है कि सोमवार को उद्धव गुट आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकता है। साथ ही त्वरित सुनवाई के लिए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से अपील भी कर सकता है। गुट का आरोप है कि आयोग ने उनकी दलीलों को बिल्कुल नहीं सुना।
बहरहाल आज दोपहर 1 बजे उद्धव ठाकरे ने उनके गुट के सभी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। देखने वाली बात यह होगी कि इस बैठक में उद्धव गुट सिर्फ शिंदे और भाजपा पर नया हमला जारी रखेगा या अपनी विरासत को बचाने के लिए कोई ठोस कदम उठाता है।