नई दिल्ली. भारत में हमेशा स्पिनरों के दबदबा बनाने की उम्मीद होती है लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट के शुरूआती दिन सबसे सफल गेंदबाज मोहम्मद शमी रहे जिनका मानना है कि घरेलू परिस्थितियां तेज गेंदबाजों को भी काफी मदद करती हैं। तेज गेंदबाज शमी ने पहले दिन चार विकेट झटके जिससे ऑस्ट्रेलियाई टीम पहली पारी में 263 रन पर सिमट गयी। स्पिनर रविंद्र जडेजा और आर अश्विन ने तीन तीन विकेट झटके। पारी की शुरूआत में शमी ने गुडलेंथ क्षेत्र को निशाना बनाया जिससे उन्हें डेविड वॉर्नर को आउट करने में मदद मिली। पारी के अंत में शमी ने गेंद को रिवर्स कराया और पुछल्ले बल्लेबाज नाथन लियोन और पदार्पण कर रहे मैथ्यू कुहनेमैन के विकेट झटके।
शमी ने दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ”आपको भारत में विकेट में ज्यादा अंतर नहीं दिखेगा। अगर आपको नई गेंद से मदद मिल सकती है तो आप पुरानी गेंद से रिवर्स भी कर सकते हो। तेज गेंदबाज के तौर पर भारतीय परिस्थितियों में मुख्य चीज होती है कि आप किस क्षेत्र में गेंदबाजी करते हो और आपको पूरे समय अपनी रफ्तार बरकरार रखनी होती है।” उन्होंने कहा, ”यहां की पिच नागपुर से ज्यादा अलग नहीं है, हालांकि सुबह के सत्र में ऑस्ट्रेलिया ने रन बनाये। लेकिन मैंने सही लाइन एवं लेंथ में गेंदबाजी करने की कोशिश की। ”
शमी और मोहम्मद सिराज घरेलू परिस्थितियों में समान रूप से खतरनाक रहे हैं और अमरोहा के इस 32 वर्षीय गेंदबाज का मानना है कि भारत में तेज गेंदबाजों को सफलता घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन की बदौलत मिलती है। शमी ने कहा, ”हम सभी घरेलू क्रिकेट खेलकर आते हैं। सभी तेज गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया है और वे जानते हैं कि घरेलू परिस्थितियों का फायदा कैसे उठाया जाये। यह कहना सही नहीं होगा कि भारतीय हालात सिर्फ स्पिनरों या सिर्फ तेज गेंदबाजों की मदद करते हैं।”
उन्होंने कहा, ”यहां तक कि हाल में घरेलू क्रिकेट में तेज गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। ध्यान लाइन एवं लेंथ तथा रफ्तार बरकरार रखने पर होना चाहिए। इससे आप हर तरह की परिस्थितियों में सफल रहोगे। भारतीय विकेट पर कुछ न कुछ होता है, कुछ नहीं तो रिवर्स स्विंग तो मिलेगा ही।” यह पूछने पर कि पिच दोनों छोर से कैसा बर्ताव कर रही है तो उन्होंने कहा, ”ज्यादा अंतर नहीं है। भारतीय विकेट थोड़ी धीमी होती है लेकिन तेज गेंदबाजों के लिये काफी कुछ होता है।”