दयालदास बघेल ने कहा- बदनाम करने की साजिश, हर जांच के लिए तैयार
रायपुर.प्रदेश के पूर्व मंत्री दयालदास बघेल के खिलाफ उनकी ही सास ने जमीन हड़पने और धमकाने का आरोप लगाते हुए सुरक्षा के लिए नांदघाट थाने में आवेदन दिया है। इस मामले में पूर्व मंत्री का कहना है, मेरा इस मामले से कोई लेना देना नहीं है, यह उनका पारिवारिक मामला है, मुझे इसमें जबरिया घसीटा जा रहा है। मेरे खिलाफ किसी भी तरह की जांच करा लें अगर मैं दोषी पाया जाता हूं तो कार्रवाई करें।
पूर्व मंत्री की सास राजपती बाई द्वारा दिए आवेदन में उल्लेख किया गया कि आज से लगभग 20 वर्ष दोनों वह और उनके पति अलग रहते थे। राजपती अपने बड़े पुत्र लखनलाल और उनके पति पदुमलाल अपने छोटे पुत्र भरत लाल के पास रहता थे। राजपती के अनुसार पदुमलाल के नाम पर 4 एकड़ जमीन थी जो कि वह राजपती को मायके से मिलेी जमीन को बेचकर अपने नाम पर खरीदी थी। उसमें से पदुमलाल पर दबाव डालकर भरत कुर्रे के दोनों पुत्र प्रमोद तथा तामेश्वर के नाम पर क्रमशः 0.37 व 1.31 हेक्टेयर जमीन को दर्ज कर दिया गया है। इसी बीच पदुमलाल का 10 फरवरी को निधन हो गया। सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार पति की मृत्यु पश्चात राजपती की चूड़ी तोड़ने की प्रक्रिया किया जाना है, लेकिन राजपती का कहना है कि जब तक उसके संपत्ति को वापस नहीं किया जाएगा तब तक दशगात्र कार्यक्रम में वह शामिल नहीं होगी। लेकिन उनपर जबरदस्ती दबाव डाला जा रहा है।
राजपती ने आरोप लगाया है कि उसके पुत्र भरत कुर्रे की लगभग 2 एकड़ जमीन को उनकी पुत्री अमला बघेल पति दयालदास बघेल के नाम पर दान पत्र लिखा कर दर्ज करा दिया गया है। सास के अनुसार दामाद पूर्व मंत्री दयालदास बघेल के द्वारा सोची समझी रणनीति के तहत जालसाजी व धोखाधड़ी की गई है। राजपती ने पत्र में उल्लेख किया है कि , उसके नाती मुकेश, प्रमोद, तामेश्वर तीनों को सामने लाकर दयालदास बघेल पूर्व मंत्री ने उसके अधिकार की जमीन को हड़प कर दशगात्र कार्यक्रम में चूड़ी तुड़वाने के लिए उस पर जबरदस्ती मारपीट कर उठाकर ले जाने की आशंका है। जिससे वह काफी डरी हुई हैं इसलिए राजपती ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।
किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार: बघेल
इस मामले को लेकर जब पूर्व मंत्री दयालदास बघेल से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया तो उन्होंने कहा, मेरा इस मामले से को सरोकार नहीं है। जमीन का मामला उनका अपना पारिवारिक है। इसमें मेरा नाम घसीटकर मेरी छवि खराब करने का काम किया जा रहा है। मैं किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हूं। जांच में दोषी साबित होने पर जो चाहे सजा दें।