रायपुर. राज्य में इस साल चुनाव होने हैं, ऐसे में यह पहले से ही तय है इस बार बिजली महंगी नहीं हाेगी। बिजली नियामक आयोग काे टैरिफ में बदलाव न करने का प्रस्ताव भेजा गयाहै। इसी के साथ अब वीसीए में भी कटौती की गई है। इसमें 32 पैसे प्रति यूनिट पर राहत दी गई है। इस तरह से बिजली उपभाेक्ताओं काे डबल राहत की सौगात मिल गई है।
प्रदेश के 61 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को छह माह बाद अब वीसीए में राहत मिली है। अब तक वीसीए प्रति यूनिट 1.10 रुपए लग रहा था, लेकिन अब फरवरी और मार्च के बिल में यह 32 पैसे कम होकर 78 पैसे प्रति यूनिट लगेगा। वीसीए कम होने का कारण कोयले की कीमत में राहत है। इसके पहले कोयले की ज्यादा कीमत और एनटीपीसी की बिजली महंगी मिलने के कारण ही इतिहास में पहली बार वीसीए 1.10 रुपए हो गया था। जिस तरह से एनटीपीसी की बिजली लगातार विदेशी कोयले के कारण महंगी हो रही थी, उससे लग रहा था कि वीसीए और बढ़ेगा, लेकिन एनटीपीसी ने भी विदेशी कोयला लेना कम कर दिया है, जिसके कारण उसकी बिजली में भी कुछ राहत मिली है।
प्रदेश में बिजली की खपत की पूर्ति करने के लिए पॉवर कंपनी अपने प्लांटों के साथ एनटीपीसी और अन्य निजी कंपनियों से भी बिजली लेती है। प्रदेश में बिजली की खपत साढ़े तीन से चार हजार मेगावाट के आसपास रहती है। यह खपत गर्मी में पांच हजार मेगावाट के भी पार हो जाती है। अभी तो गर्मी से पहले ही खपत पांच हजार मेगावाट के पार हो गई है। कंपनी के अपने संयंत्रों की उत्पादन क्षमता 2980 मेगावाट है, लेकिन आमतौर पर दो हजार, 22 से 25 सौ मेगावाट ही अपना उत्पादन होता है। बाकी बिजली बाहर से लेकर पूर्ति की जाती है। इस बिजली की कीमत के हिसाब से ही वीसीए तय होता है। कोयले और ऑयल की कीमत का हर दो माह में आकलन के बाद वीसीए तय किया जाता है।
पिछले साल तीन बार बढ़ा वीसीए
पिछले साल वीसीए छह माह में तीन बार बढ़ा। जनवरी से लेकर जुलाई तक वीसीए 19 पैसे था। अगस्त और सितंबर के लिए 23 पैसे बढ़ाए गए तो वीसीए 42 पैसे हो गया। इसके बाद सितंबर और अक्टूबर के लिए 19 पैसे बढ़े तो वीसीए 61 पैसे हो गया। इसके बाद दिसंबर और जनवरी के लिए वीसीए 49 पैसे बढ़ा तो वीसीए 1.10 रुपए हो गया। इसके पहले कभी भी वीसीए 51 पैसे से ज्यादा नहीं रहा है। अब बिजली का लागत मूल्य कम होने के कारण वीसीए में 32 पैसों की कटौती की गई है।