लुधियाना: अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस से सभी बोर्डों, नेम प्लेट व दिशा सूचक पंजाबी में लिखने के पंजाब सरकार के आदेशों का सरकारी दफ्तरों में पालन हुआ लेकिन निजी संस्थानों में यह आदेश पूरी तरह बेअसर दिखे। अफसरों, कर्मचारियों ने अपने-अपने दफ्तरों में से अंग्रेजी में लिखे गए बोर्ड व नेम प्लेट हटा दी। कुछ दμतरों ने पंजाबी में बोर्ड लगा दिए वहीं जिनके बोर्ड अभी पंजाबी में तैयार नहीं हुए उन्होंने अंग्रेजी में लिखे बोर्ड हटा दिए। निजी संस्थानों ने अभी तक अपने बोर्ड पंजाबी में लिखने शुरू नहीं किए। पंजाब सरकार ने करीब एक महीने पहले आदेश जारी करते हुए कहा था कि 21 फरवरी अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस से सभी को अपने बोर्ड पंजाबी में लिखने होंगे।
जिला प्रशासन भी समय समय पर लोगों को इस बारे में निर्देश जारी करता रहा। जिला प्रशासन की सख्ती के बाद सरकारी दफ्तरों में से सिर्फ अंग्रेजी में लिखे बोर्ड उतर गए और पंजाबी में लिखे बोर्ड लगने शुरू हो गए। मंगलवार को डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के बाहर अंग्रेजी में लिखा बोर्ड कर्मचारियों ने उतार दिया। इसके अलावा डीसी दफ्तर की सभी प्लेट पंजाबी व अंग्रेजी में लिख दी गई हैं। इसी तरह पुलिस कर्मचारियों व अफसरों ने अपनी नेम प्लेट भी पंजाबी में लिख दी। वहीं दूसरी तरफ निजी व्यापारिक संस्थानों ने अभीं तक अपने बोर्ड पंजाबी में नहीं लिखे। यही नहीं गुरु नानक देव भवन में भी सरकार के आदेशों का पालन नहीं हुआ। गुरु नानक देव भवन के मुख्य गेट पर लगे बोर्ड पर सिर्फ अंग्रेजी में लिखा गया है।
उसके अंदर लगे साइन बोर्ड भी अंग्रेजी में लिखे गए हैं। गुरु नानक देव भवन पर पंजाबी में जरूर नाम लिखा गया है लेकिन यहां भी अंग्रेजी में ऊपर व पंजाबी में नीचे लिखा गया है। आदेशों के मुताबिक सबसे ऊपर पंजाबी में लिखा जाना है। माल रोड, भारत नगर चौक, फिरोज गांधी मार्कीट, माडल टाऊन एक्सटैंशन मार्कीट, सराभा नगर मार्कीट समेत किसी भी मार्कीट में अभी तक बोर्ड पंजाबी में नहीं लिखे गए