रायपुर । विश्व धरोहर सिरपुर बचाने,हाईवे स्थित खैरझिटी,कौंवाझर,मालिडीह के कृषि भूमि,गरीबों का काबिल कास्त भूमि,आदिवासी भूमि,वन भूमि, शासकीय भूमि में गैर कानूनी ढंग से निर्माणाधीन करणी कृपा स्टील एवं पावर प्लांट लगने के विरोध में विगत 25 फरवरी 2022 से अंचल के किसानों द्वारा छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले अखन्ड सत्याग्रह चल रहा है।आज अखंड धरना सत्याग्रह 12 वें माह के 364 वे दिन 45 किसान,जवान और महिला किसानों ने भाग लिया।आज अखन्ड धरना सत्याग्रह का नेतृत्व राज्य आंदोलनकारी आदिवासी किसान नेता अशोक कश्यप,डेविड चंद्राकर,दशरथ सिन्हा,लीलाधर पटेल,डोमार सिंह ध्रुव,बोधनलाल यादव,भुनेश्वर साहू ने किया।आज अखन्ड धरना सत्याग्रह में शामिल कार्यकर्ताओं को किसान नेता लूकेश्वर सेन,उदयराम चंद्राकर, अशोक कश्यप,सुध्दूराम पटेल, श्रीमती राधाबाई सिन्हा,डिगेश्वरी चंद्राकर पूर्व सरपंच,ननकुनिया पारधी,ठगन बाई सिन्हा,शर्मिला टंडन ,पिलीबाई परमार आदि ने संबोधित किया।अखन्ड सत्याग्रह ने शामिल कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए किसान नेता लुकेश्वर सेन ने कहा कि प्रजातंत्र में जनशक्ति का बड़ा महत्व होता है।इसलिए राज्य शक्ति,धन शक्ति के अत्याचारी और तानाशाह लोगों को जनशक्ति के सामने एक ना एक दिन झुकना ही पड़ता है।उदयराम चंद्राकर ने कहा कि गैर कानूनी ढंग से निर्माणाधीन करणी कृपा स्टील एवं पावर प्लांट के औद्योगिक प्रदूषण के लिए 20, 25 गांवों के किसानों ने अनेकों बार थाना तुमगांव,तहसील कार्यालय पटेवा, एस.डी.एम.,जिला कार्यालय महासमुंद का घेराव करके उन्हें जनशक्ति की ताकत क्या होती है? दिखा चुके हैं और आगे भी बड़ा प्रदर्शन करने के लिए किसानों ने ठानी है।अशोक कश्यप ने कहा कि किसान मजदूर किसान जोड़ो रथयात्रा को गांव-गाँव में अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है।किसान सत्याग्रह 25 फरवरी को एक वर्ष पूर्ण होने पर 06 गांवों में जगह-जगह किसान लडेंगे जितेंगे के नारे के साथ एकता जुलूस,सभा किया जायेगा।साथ कि खैरझिटी की सभा को राज्य आंदोलन कारी किसान मोर्चा के अध्यक्ष श्री अनिल दुबे,दाऊ जी.पी. चंद्राकर जागेश्वर प्रसाद,छन्नू साहू, श्रीधर चंद्राकर आदि किसान नेता संबोधित करेंगे।श्रीमती डिगेश्वरी चंद्राकर पूर्व सरपंच ने कहा कि, महासमुंद जिले के खैरझिटी कौवाझर में स्थित नेशनल हाईवे पर 12 माह से अनवरत अखंड धरना सत्याग्रह चला कर इतिहास रचने का काम किया है।उसमें नारी शक्ति का भी अहम भूमिका रही है। छत्तीसगढ़ में किसान आंदोलन में महिला किसानों ने नेतृत्व करके नया इतिहास रचा है।राधाबाई सिन्हा और ननकुनिया बाई पारधी ने भी इस बात का समर्थन करते हुए नारी शक्ति की ताकत को बताया है।
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