नई दिल्ली. स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव के लिए दिल्ली नगर निगम की महापौर शैली ओबेरॉय द्वारा जारी पुनर्निर्वाचन नोटिस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने रोक लगायी। बीजेपी के पार्षदों ने इसे लेकर याचिका दायर की थी। इस मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने एलजी, मेयर, एमसीडी को नोटिस भी जारी किया। दरअसल, दिल्ली नगर निगम में शुक्रवार को हुए हंगामे के बाद स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को दोबारा कराने का मुद्दा उठा था। यह मामला फिर कोर्ट तक पहुंचा। इस मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने स्टैंडिंग कमेटी के नए सिरे से चुनाव पर रोक लगा दी है।
बता दें कि हंगामे की वजह से एमसीडी सदन की कार्यवाही 27 फरवरी के लिए स्थगित कर दी गई थी। हंगामे के दौरान पार्षद अशोक मनु गिर गए थे और उन्हें समीप के अस्पताल भर्ती कराना पड़ा था। महापौर ने कहा कि स्थायी सदस्य के लिए मतदान की प्रक्रिया दोबारा होगी क्योंकि शुक्रवार को ‘मतपत्रों’ और अन्य दस्तावेजों को फाड़ दिया गया था या वे खो गए हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेता हर्षदीप मल्होत्रा और सचदेव ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान दस्तावेज दिखाए जिसके मुताबिक वरीयता मतदान के तहत आप और भाजपा के तीन-तीन सदस्य निर्वाचित हुए हैं। सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे दस्तावेजों पर कथित तौर पर ‘तकनीकी विशेषज्ञ’ ने हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, 24 फरवरी के दस्तावेज की सत्यता को निकाय प्राधिकार ने प्रमाणित नहीं किया है।