नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के तेवर हाल के दिनों में काफी बदले हैं। वंशवाद का आरोप झेल रही देश की सबसे पुरानी पार्टी ने रायपुर में 85वें महाधिवेशन के लिए जो विज्ञापन जारी किया है, उसमें इसकी झलक दिख रही है। कांग्रेस अभी तक बड़े कार्यक्रमों में बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर को सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को कम ही जगह देती रही है। हालांकि, पहली बार इनकी तस्वीरों को प्रमुखता से आज के विज्ञापनों में जगह मिली है।
इसके अलावा कांग्रेस ने अपने विज्ञापन में सोनिया और राहुल गांधी से बड़ा कद अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का दिखाया है। यह भी कांग्रेस पार्टी के इतिहास में पहली बार हो रहा है। विज्ञापन में सोनिया और राहुल गांधी के बड़ी तस्वीर खड़गे की दिखाई गई है।
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव को लेकर हुए विवाद के कारण सुभाषचंद्र बोस से नेहरू परिवार के रिश्तों में आई तल्खी जगजाहिर है। कांग्रेस ने कभी भी सुभाष चंद्र बोस को खुले मन से नहीं अपनाया है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने खुलकर बोस को अपनाया और उनका महिमामंडन करते हुए कांग्रेस पर अवहेलना करने के आरोप लगाए। पीएम मोदी कई मौके पर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते आए हैं।
सुभाष चंद्र बोस को बीजेपी ने खुलकर अपनाया तो इसका असर बंगाल तक में इंडिया गेट के पास उनकी आदमकद प्रतिमा की स्थापना की गई, जिसका अनावरण खुद पीएम मोदी ने किया था। सरदार पटेल की तरह बीजेपी ने एक और स्वतंत्रता सेनानी को खुले मन से अपनाया। यही कारण है कि कांग्रेस को भी अपनी रणनीति बदलनी पड़ रही है। उसने पहली बार इन नेताओं को जगह दिया।