कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि भारत में चीनी सीसीटीवी के बड़े पैमाने पर उपयोग पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव को आज भेजे एक पत्र में चीनी सीसीटीवी सिस्टम को राष्ट्र की सुरक्षा के लिए संभावित ख़तरा बताते हुए इसके उपयोग पर देश भर में प्रतिबंध लगाने का जोरदार आग्रह किया है। कैट ने कहा की चीनी सीसीटीवी प्रणाली किसी भी डाटा को देश से बाहर सथानांतरित करने में सक्षम हैं। कैट ने कहा कि पूर्व में जिस प्रकार से सरकार ने चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था उसी तरह देश में चीनी सीसीटीवी के उपयोग पर भी तुरंत प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने कहा कि फ़िलहाल देश में किसी भी डेटा संरक्षण कानून या किसी अन्य सक्षम कानून या किसी निगरानी तंत्र के अभाव में ऐसे सीसीटीवी सिस्टम द्वारा प्राप्त डेटा या सूचना को दुनिया में कहीं भी आसानी से स्थानांतरित किया जा सकता है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सीसीटीवी नेटवर्क में इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) कैमरों का उपयोग किया जाता है और सीसीटीवी सिस्टम की इंटरनेट संचालित डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग (डीवीआर) के ज़रिए संकलित डाटा एवं किसी भी सूचना को कहीं भी भेजा जा सकता है जो हमेश सुरक्षा के लिए एक ख़तरा बना रहेगा।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि भारत में बड़ी संख्या में चीनी मूल के सीसीटीवी कैमरों का उपयोग किया जाता है जो या तो चीनी सरकार द्वारा नियंत्रित या आंशिक रूप से स्वामित्व में हैं। इसके अलावा, चीन के कानून के मुताबिक़ हर व्यक्ति सरकार द्वारा कभी भी माँगे जाने पर सरकार की मदद करने के लिए बाध्य है।यह भी उल्लेखनीय है कि पहले से ही संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में चीनी सीसीटीवी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
कैट ने सुझाव दिया है कि देश के डेटा की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संसद द्वारा डेटा संरक्षण कानून तुरंत पारित किया जाना चाहिए और साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मेड इन इंडिया विजन के तहत भारत में सीसीटीवी के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए एक व्यापक नीति बनाई जाए वहीं भारत में सीसीटीवी के मौजूदा निर्माताओं की विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए एक समर्थन नीति का भी आग्रह किया है।