सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खान और खनिज अधिनियम के तहत अधिसूचित छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत का उत्खनन और व्यवसाय नियम 2023 पटल पर रखा। प्रेमसाय सिंह टेकाम ने माध्यमिक शिक्षा मंडल अधिनियम की अधिसूचना 20 सितंबर 2022 पटल पर रखा। मंत्री शिव डहरिया ने नगरपालिका अधिनियम 5 अधिसूचना पटल पर रखा।
शून्यकाल के दौरान विपक्ष के नेताओं ने राज्यपाल के अभिभाषण पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया गया । जिसके चलते सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की गई।
भाजपा विधायकों ने विशेषाधिकार हनन करने के आरोप लगाए।
राज्यपाल के बजट अभिभाषण पर बवाल
अजय चंद्राकर बोले- अंग्रेजी में अलग और हिंदी में अलग है अभिभाषण, अंग्रेजी में कम और हिंदी में अभिभाषण का पैराग्राफ अधिक।
बृजमोहन अग्रवाल बोले- राज्यपाल के साथ फ्रॉड हुआ, जिस अभिभाषण को स्वीकृत नहीं किया, उस भाषण की प्रतियां बांटी गई है।
शिव डहरिया बोले- हमने आरक्षण पर वो लाइनें रखी हैं, भाजपा क्या आरक्षण का विरोध कर रही।
सत्तापक्ष और विपक्ष के बीचे तीखी नोकझोंक
नेताप्रतिपक्ष नारायण चंदेल बोले- विधानसभा और लोकसभा में कानून बनाता है, पढ़ने के लिए राज्यपाल को अलग कॉपी दी है
मरकाम ने अपनी ही सरकार को घेरा
इससे पहले बजट सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल में मोहन मरकाम ने अपनी ही सरकार को सवालों में घेरा। उन्होंने कोंडागांव में डीएमएफ फंड के बंटवारे में बंदरबांट करने का आरोप लगाया है। सवाल किया गया कि आरईएस निर्माण एजेंसी है तो कब से सरकार में सप्लाई का काम कर रही है।
मोहन मरकाम ने मंत्री रविंद्र चौबे से पूछा, क्या इसमें जांच कराएंगे। क्या निर्माण एजेंसी सप्लाई का काम कर रही है। 7 करोड़ डीएमएफ के पैसे का बंदरबाट किया गया है। एक ही अधिकारी को बहुत से पद पर बैठाया गया है।
इस पर विपक्ष के सदस्य शिवरतन ने कहा कि खुद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आरोप लगा रहे हैं। मंत्री को इस पर त्याग पत्र दे देना चाहिए।
इस पर पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने ये कहा..
नारायण चंदेल- पूरे प्रदेश में डीएमएफ में गड़बड़ी हो रही है।
रुद्र गुरु- अभी तो पता चल रहा है, 15 साल में क्या हुआ बात सामने नहीं आई।
रविंद्र चौबे – मामला गंभीर है हम तो अध्यक्ष को धन्यवाद दे रहे हैं गंभीर मामले को उठाया।
बृजमोहन- जो निर्माण एजेंसी है उसे क्रय करने का अधिकार है। क्या जो मरकाम जो कह रहे हैं 7 करोड़ का जांच करवाएंगे।
रविंद्र चौबे- हां अधिकार है आपके समय का नियम है, कलेक्टर को अधिकार है जिसको नोडल एजेंसी बनाए। मैं नहीं समझ रहा कि 7 करोड़ का पूरा बंदरबांट हुआ होगा। राज्य स्तर के अधिकारी भेजकर जांच करवा लूंगा।
धरमजीत- कितने भय मुक्त होकर मरकाम बोल रहे हैं। अधिवेशन में फोटो नहीं लगाए। फिर हटने वाले हैं ये बयान दे दिए तो ऐसे सवाल तो पूछेंगे ही।
रविंद्र चौबे – 7 करोड़ का मसला है मैंने कहा तीन साल की खरीदी का मामला है। कोंडागांव जागरुक जिला है, उसमें कोई आपत्ति नहीं है। राज्य के अफसर से जांच कराने के निर्देश कर दूंगा। 1 महीने का टाइम लिमिट कर देता हूं, पुराने कार्यकाल के मसले हैं। 1 महीने में रिपोर्ट आएगी। अफसरों पर भी कार्रवाई होगी।
12 बजे तक प्रश्नकाल की कार्यवाही समाप्त हो चुकी है।
सबसे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही दिवंगत पूर्व सांसद सोहन पोटाई को श्रद्धांजलि दी गई है। कुछ देर मौन रखकर 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की गई।पक्ष-विपक्ष के सभी नेताओं ने सोहन पोटाई से जुड़ी अपनी यादें शेयर कर उनकी प्रशंसा की।
सोहन पोटाई के बारे में नेताओं ये बातें कही..
कवासी लखमा- वे बस्तर की आवाज रहे। बस्तर लोकसभा सामान्य होने जा रही थी, ये सीट आदिवासी के नाम से बची है तो उन्हीं के साथ बची है।
बृजमोहन अग्रवाल- ऐसा व्यक्तिव जो बस्तर की आवाज बनकर देश में गूंजा। आदिवासियों की कठिनाइओं और तकलीफों पर काम किया।
शिशूपाल सोरी- पूरा आदिवास समाज स्तब्ध है। वो प्रखर आवाज बनकर उभरे किसी भी मुद्दे पर जहां समाज की बात आती थी पार्टी की लीक से हटकर बात करते थे।
पुन्नू लाल मोहले- पोटाई जी संसद में आवाज उठाते थे। आदिवासी समाज के लिए लड़ाई लड़ी, पार्टी से भी हंगामा करते थे। समाज को आगे बढ़ाने में काम किया।
धरम लाल कौशिक- दबंग नेता के रूप में उनकी पहचान रही। लगातार 4 बार लोक सभा का चुनाव जीते। संसद में जल जंगल जमीन की आवाज उठाई।
संत रात नेताम- बहुत से सांसद संसद में बात नहीं रख पाते। मगर सोहन पोटाई ने ये काम किया, हमें उनपर घमंड है, दबंग नेता के रूप में काम किया।
इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही 6 मार्च को स्थगित कर दी गई थी। इसी दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2023 का बजट पेश किया था। होली की वजह से विधानसभा की छुट्टी थी। आज कई विवादित मुद्दों पर हंगामे के आसार हैं।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सवाल-जवाब का सिलसिला चलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत का उत्खनन एवं व्यवसाय नियम 2023 पटल पर रखेंगे । माना जा रहा है कि इस नियम में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं।