नई दिल्ली. पाकिस्तान में इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल जोरों पर है। लाहौर की सड़कों पर पुलिस और पीटीआई कार्यकर्ताओं के बीच खूनी झड़प हो रही है। पुलिस पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए जद्दोजहद कर रही है। उधर, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिलने वाला लोन लटकता जा रहा है।
पाकिस्तान के मशहूर अखबार ‘डॉन’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति की वजह से आईएमएफ चिंतित है और इसी वजह से वह कर्ज की अगली किश्त जारी नहीं कर पा रहा है। अंतरराष्ट्रीय कर्जदाता एजेंसी को पाकिस्तान पर कर्ज वापसी पर भरोसा नहीं हो पा रहा है। हालांकि पाकिस्तान पहले ही आईएमएफ की सारी शर्तें मान चुका है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनयिक सूत्रों ने डॉन को बताया कि पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ एक समझौते में देरी का एक कारक बन गई है, जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को स्थिर कर सकता है।
अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि वैश्विक ऋणदाता, विशेष रूप से आईएमएफ, पाकिस्तान से आश्वासन मांग रहे हैं कि देश में भविष्य की राजनीतिक व्यवस्था उनके द्वारा इस्लामाबाद के साथ किए गए किसी भी समझौते का सम्मान करेगी। पाकिस्तान और आईएमएफ महीनों से स्थापित 7 अरब डॉलर के लोन कार्यक्रम को फिर से शुरू करने के लिए बातचीत कर रहे हैं, लेकिन अभी तक अंतिम समझौते पर नहीं पहुंचा जा सका है और करीब 1.8 अरब डॉलर की अंतिम किश्त अधर में लटकी पड़ी है।
पिछले हफ्ते पाकिस्तान के वित्त सचिव हामिद याकूब ने कहा था कि एक हफ्ते के अंदर आईएमएफ से अंतिम किश्त जारी होने का समझौता हो जाएगा लेकिन यह मियाद भी खत्म हो चुकी है। बता दें कि आईएमएफ की शर्तों को मानते हुए पाकिस्तान पहले ही कई कदम उठा चुका है। इसी क्रम में सरकार ने आम जन पर भारी भरकम टैक्स भी लादा है।