रायपुर में बीजेपी ने बुधवार को करीब एक लाख लोगों के साथ विधानसभा का घेराव किया। घेराव के पहले बीजेपी नेताओं की सभा हुई। सभा के बाद कार्यकर्ता विधानसभा घेरने निकल गए। इसके बाद पुलिस से उनकी झूमाझटकी हुई। वहीं बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने वाटर केनन चलाई, भीड़ के सामने स्मोक बम फेंके। उधर, पुलिस ने पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव समेत 500 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। सभी को बस में बिठाकर पुलिस ले गई।
कार्यकर्ताओं की भीड़ विधानसभा परिसर के नजदीक (जीरो पॉइंट) तक पहुंच गई थी। विधानसभा जाने वाले रास्ते में जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किया गया था। कोशिश थी कि किसी भी तरह से कार्यकर्ताओं को रोका जाए। मगर कार्यकर्ताओं की भीड़ लगातार आगे बढ़ती रही। घेराव शुरू होने से पहले ही भारतीय जनता युवा मोर्चा ने 2 किलोमीटर पहले सड़क पर लगाई गई बैरिकेडिंग तोड़ दी थी। इसके बाद कार्यकर्ताओं की भीड़ पहुंची। ये सब कुछ 2 घंटे तक चलता रहा। फिर जब पुलिस ने कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। उसके बाद आंदोलन समाप्त हुआ है।
घेराव से पहले सभा में प्रभारी ओम माथुर ने कहा- इस बार यहां सरकार बदलनी है। नवंबर तक ये आंदोलन हमको करना है। आज मुझे और रमन सिंह को भी लगभग एक घंटे जाम में फंसे रहना पड़ा। सड़क पर भी ऐसी ही भीड़ दिखनी चाहिए। इस आंदोलन का नाम मोर आवास मोर अधिकार आंदोलन है। सबसे पहले आवासहीन हितग्राहियों के पैर पखारकर आंदोलन में उनका स्वागत किया गया था। उसके बाद यह आंदोलन शुरू हुआ था।
वहीं कार्यक्रम में झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा-आज के घेराव से स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश की जनता बदलाव के मूड में है। आजादी के इतने सालों के बाद भी यहां गरीबों को आवास की सुविधा नहीं मिली है। 7.5 लाख बेघरों का घर बनाने का काम रमन सिंह ने किया था। आज यह जनता सरकार से पूछ रही है कि आपने कितने लोगों को आवास दिया। कांग्रेस सरकार में गरीबों की योजना लागू नहीं की जा रही है। यहां सरकार के संरक्षण में शराब सिंडिकेट चल रहा। कोल सिंडिकेट चल रहा है। झारखंड में भी यह चल रहा है।