नई दिल्ली. देवगुरु बृहस्पति, ग्रहों के राजा सूर्य और ग्रहों के राजकुमार बुध की मीन राशि में युति बनी हुई है। ये तीनों ज्ञान, बुद्धि आदि समान चीजों का प्रतिनिधित्व करते हैं। बुध ग्रह 16 मार्च को सुबह 10:33 बजे मीन राशि में एक साथ युति करेंगे। यह युति जातक को अपार ज्ञान, अधिकार, तर्क और शक्ति प्रदान कर सकती है। जबकि मीन राशि में पहले से ही सूर्य व गुरु विराजमान हैं।
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वृषभ राशि- दूसरे, चौथे, पांचवें, आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी एक साथ 11वें भाव में हैं। यह आपके लिए आधिकारिक पद प्राप्त करने, विरासत प्राप्त करने और प्रभावशाली लोगों के साथ अच्छे संबंध और नेटवर्क बनाने के लिए एक अच्छा समय है। कहा जाता है कि वृषभ राशि के जातकों के पास तेज बुद्धि के साथ व्यापार करने की क्षमता होती है। दृढ़ संकल्प और साहस है। बुध और बृहस्पति अस्त न हों तो वे अपने ज्यादातर प्रयासों में सफल होते हैं।
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध, सूर्य और बृहस्पति 8वें, 11वें, 10वें, 2वें और 5वें भाव के स्वामी बनते हैं। पंचम भाव में सूर्य, बुध और बृहस्पति की युति एक रचनात्मक कलाकार के रूप में काम करने वाले व्यक्ति के लिए सहायक हो सकती है। यह युति अकाउंटिंग, मैनेजमेंट और स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े लोगों की भी मदद करेगी। हो सकता है कि इस अवधि में आपको गुण-ज्ञान की प्राप्ति हो। आर्थिक मोर्चे पर तीन ग्रहों की युति लाभकारी साबित होगी।
धनु राशि- सूर्य, बृहस्पति और बुध क्रमश: 9वें भाव, पहले और चौथे भाव और 7वें और 10वें भाव के स्वामी हैं। अब ये तीनों ग्रह चतुर्थ भाव में युति कर रहे हैं। माता के साथ आपके संबंध इस समय बेहतर हो सकते हैं और उनका पूरा सहयोग आपको मिल सकता है। यह व्यापारियों और उच्च रैंक वाले सरकारी अधिकारियों के लिए भी एक अच्छा समय है। आप अपने करियर में वृद्धि और नए अवसरों का अनुभव कर सकते हैं क्योंकि ये सभी ग्रह आपके दशम भाव पर दृष्टि डालेंगे। इस युति के दौरान आप ऊंचाइयां छू सकते हैं।