चंडीगढ़. पंजाब पुलिस को “भगोड़ा” खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब डे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह की तलाश है। वहीं, इस बीच एक रिपोर्ट यह भी सामने आई है कि अजनाला की घटना के बाद चिंतित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को तलब किया था और सख्त कार्रवाई लेने के लिए कहा था। इसी मुलाकात के बाद भगंवत मान ऐक्शन में आए और फिर अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई की स्क्रिप्ट शुरू हुई। पंजाब पुलिस अमृतपाल के 78 साथियों को अरेस्ट कर चुकी है और चप्पे-चप्पे पर उसकी तलाश की जा रही है।
आईएसआई का एजेंट और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के सभी साथियों को पंजाब पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही अमृतपाल को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा, उसे बाइक से पुलिस को चकमा देकर भागते हुए आखिरी बार देखा गया था। तब से पुलिस टीम उसके संभावित ठिकानों पर तलाश कर रही है। इस बीच एक रिपोर्ट सामने आई है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अमृतपाल के खिलाफ ऐक्शन के पीछे अमित शाह हैं क्योंकि अजनाला थाने में हुई घटना के बाद से अमित शाह पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंतित थे। उन्होंने इस संबंध में भगंवत मान को तलब भी किया था।
अमित शाह और भगवंत मान की मुलाकात
रिपोर्ट कहती है कि पिछले कुछ वक्त से केंद्रीय एजेंसियां पंजाब सरकार और पुलिस पर लगातार दबाव बना रही थी कि वे अलगाववादी ताकतों के खिलाफ सख्त ऐक्शन ले। इसके अलावा हाल ही में अमित शाह और भगवंत मान के बीच मुलाकात के दौरान भी यही मुद्दा उठा था। शाह ने मान से कहा कि राज्य सरकार को अलगाववादी भावनाओं को भड़काने की कोशिश करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
राज्यपाल से भी मिले थे मान
रिपोर्ट ने दावा किया है कि अमृतपाल और राज्य में पनप रही अलगाववादी ताकतों के खिलाफ ऐक्शन के लिए सीएम भगवंत मान ने पंजाब के राज्यपाल से भी मुलाकात की थी। अखबार ने कहा है कि अमृतपाल के खिलाफ ऐक्शन की एक प्रमुख वजह अमित शाह को धमकी देना भी माना जा रहा है। दरअसल, अमृतपाल ने अमित शाह को धमकी देते हुए इंदिरा गांधी जैसा अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी।
गौरतलब है कि पिछले महीने अमृतसर के बाहरी इलाके में अजनाला पुलिस थाने में अमृतपाल के समर्थकों की पुलिस कर्मियों के साथ झड़प हुई थी। वे सभी अमृतपाल की गिरफ्तारी के विरोध में हिंसक प्रदर्शन कर रहे थे। इस घटना के तीन सप्ताह बाद पुलिस की यह कार्रवाई हुई है।
घटना 23 फरवरी की है, जब अमृतपाल के हजारों समर्थकों ने तलवारें लहराते हुए अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था। इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, मान ने कहा था कि ये “1,000 लोग” पंजाब का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं और आरोप लगाया कि राज्य में शांति को बाधित करने के लिए उन्हें “पाकिस्तान द्वारा पाला” जा रहा है।