छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल एवं कैट सीजी चेप्टर प्रदेश अध्यक्ष जीतेन्द्र दोशी, महामंत्री सुरिंदर सिंह, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल, कार्यकारी अध्यक्ष परमानंद जैन, वासु मखीजा ने बताया कि आज राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति (जीआरसी) की बैठक संपन्न हुई जिसमे विभिन्न व्यापारिक-औद्योगिक संगठनो एवं पदाधिकारियों से प्राप्त सुझावों को लेकर प्रदेश चेंबर अध्यक्ष एवं कैट के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में चेंबर एवं कैट के प्रतिनिधिमंडल ने श्री नवनीत गोयल, मुख्य आयुक्त, सेंट्रल जीएसटी भोपाल जोन, श्री अतुल गुप्ता, प्रधान आयुक्त, सेंट्रल जीएसटी रायपुर, श्री भीम सिंह, आयुक्त, स्टेट जीएसटी रायपुर, श्री एस के बंसल, अपर आयुक्त, सेंट्रल जीएसटी रायपुर, श्रीमती प्रतिमा सिंह, अपर आयुक्त, सेंट्रल जीएसटी रायपुर, श्री महेश यादव, अपर आयुक्त, सेंट्रल जीएसटी भोपाल जोन, श्री अजय अग्रवाल, उपायुक्त, सेंट्रल जीएसटी रायपुर, श्री एम राजीव, अधीक्षक, सेंट्रल जीएसटी रायपुर से मिलकर जीएसटी सरलीकरण हेतु सुझाव के सम्बंध में ज्ञापन सौंपा ।
चेंबर प्रदेश अध्यक्ष एवं कैट के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री पारवानी जी ने बताया कि आज राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति (जीआरसी) की बैठक संपन्न हुई जिसमे चेंबर एवं कैट के प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश के व्यापारियों में जीएसटी को लेकर आ रही कानूनी और तकनीकी परेशानियों के सम्बंध में तथा जीएसटी के सरलीकरण एवं युक्तियुक्त करण करने हेतु श्री नवनीत गोयल जी को ज्ञापन सौंपा।
व्यापारियों द्वारा प्राप्त जीएसटी से सम्बंधित परेशानियों एवं सुझावों को प्रमुख रूप से चेंबर एवं कैट ने सूचीबद्ध किया।
प्रमुख सुझाव निम्नानुसार है:-
• यदि क्रेता द्वारा क्रय सम्बन्धी सभी दस्तावेज एवं भुगतान सम्बन्धी समस्त प्रमाण दिए जाए तो विभाग द्वारा विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए.
• RMC संबधित प्रावधान.
• इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर 2बी के आधार मान्य होने सम्बन्धी प्रावधान को वापस लिए जाएं.
• जीएसटी प्रणाली में ब्याज की गणना के प्रावधान को बदलने बाबत.
• नियम 86 बी के प्रावधानों को निरस्त किये जाएं.
• पूर्व माह का जीएसटीआर -3बी न जमा होने पर जीएसटीआर -1 जमा करने पर प्रतिबन्ध हटाया जाना चाहिए.
• नियम 21 जीएसटी पंजीकरण का निलंबन/निरस्तीकरण.
• ई-इनवॉइसिंग के 1 अक्टूबर 2022 से रु.10 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों पर लागू किए गए प्रावधान वापस लिए जाने चाहिए.
• E- Invoicing की स्थिति में खरीददार को इनपुट अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए.
• ई-वे बिल की वैधता अवधि में 50 प्रतिशत की कटौती.
• माल के परिवहन एवं ई-वे बिल सम्बंधित समस्याएं.
• छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने एवं वार्षिक विवरण पत्र में संशोधन किए जाने हेतु अवसर प्रदान करने बाबत.
• जीएसटी वार्षिक विवरण के सम्बंध में सुझाव.
• ब्याज, पेनाल्टी एवं विलंब शुल्क से छुट प्रदान करने हेतु .
• रिटर्न सम्बंधित अन्य समस्याएं.
• जीएसटी के प्रावधानों में सुधार हेतु अन्य सुझाव.
• व्यवसाय को राहत देने एवं Ease of Doing हेतु सुझाव.
• जीएसटी की दर में कमी करने हेतु सुझाव.
• एक व्यवसाय एक कर.
• IGST आउटपुट के भुगतान के लिये CGST या SGST इनपुट का उपयोग करने के लिये समान विकल्प दिया जाना चाहिय.
• आंशिक रूप से/बिना नकद भुगतान के फॉर्म जीएसटीआर 3बी जमा करने का विकल्प दिया जाना चाहिए.
बैठक में श्री नवनीत गोयल जी ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए कहा कि प्राप्त सुझावों को जीएसटी काउन्सिल के समक्ष रखा जायेगा।
इस अवसर पर चेंबर प्रदेश सलाहकार भरत बजाज, परमानन्द जैन (कार्यकारी अध्यक्ष कैट), चेंबर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, उद्योग चेंबर अध्यक्ष अश्विन गर्ग सहित कमिटी के अन्य सदस्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे।