मदरसा ईस्लाहुल मुस्लेमीन के संचालक और रायपुर शहर के काजी मौलाना मोहम्मद अली फारूखी ने बताया है कि रायपुर शहर के आसपास कहीं भी चांद नजर नहीं आया । इसलिए अब रमज़ान का पहला रोज़ा 24 मार्च को होगा । रमज़ान माह में मुस्लिम पूरे दिन रोज़ा रखकर इबादतों में गुजारते है । इसलिए रमजान माह का खास महत्व है । इस्लाम के पांच प्रमुख स्तंभों में से रोज़ा भी एक है रोज़ा में सेहरी फजर के अजान यानी कि सुबह होने से पहले जो अज़ान होती हैं उससे काफी पहले किया जाने वाला भोजन को सेहरी कहते हैं दिनभर खुदा की राह में भूखा प्यासा रहने और नमाज़, तरावीह कुरान शरीफ की तिलावत को महत्व दिया जाता है दिनभर भूख प्यास की शिद्दत सहने के बाद मुस्लिम रोज़ा खोलकर अफ्तारी करते है । रमज़ान में जकात और फित्रा सदका देना ज़रूरी होता है 30 दिनों के रोज़े पूरे होने के बाद हर मोमिन ईद की नमाज़ अदा करता है और ईद की खुशियां मनाई जाती है
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