कोलकाता: पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदीसे देश के संविधान और इसके लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने तथा राष्ट्र को संकट से बचाने की अपील की. राष्ट्रपति मुर्मू के स्वागत समारोह में यहां बनर्जी ने उनकी सराहना ‘गोल्डन लेडी’ के रूप में की और कहा कि देश में विभिन्न समुदायों, जातियों तथा पंथों के लोगों की युगों से सद्भाव के साथ रहने की एक गौरवशाली विरासत रही है.
बनर्जी ने कहा, ‘मैडम राष्ट्रपति, आप इस देश की संवैधानिक प्रमुख हैं. मैं आपसे संविधान और इस देश के गरीब लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने का अनुरोध करूंगी. हम आपसे इसे आपदा से बचाने का अनुरोध करेंगे.’ मुर्मू पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को यहां पहुंचीं. राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनका पहला बंगाल दौरा है. बनर्जी ने राष्ट्रपति को देवी दुर्गा की एक मूर्ति भेंट की और कार्यक्रम के दौरान आदिवासियों के साथ ढोल बजाया तथा नृत्य किया. गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए पश्चिम बंगाल की सरकार और लोगों को धन्यवाद देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि बलिदान, शहादत, संस्कृति और शिक्षा राज्य के जीवन आदर्श रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘बंगाल के लोग सुसंस्कृत और प्रगतिशील हैं. बंगाल की भूमि ने एक ओर अमर क्रांतिकारियों को जन्म दिया है और दूसरी ओर प्रमुख वैज्ञानिकों को. राजनीति से न्याय प्रणाली तक, विज्ञान से दर्शन तक, आध्यात्मिकता से खेल तक, संस्कृति से व्यवसाय तक, पत्रकारिता से साहित्य तक, सिनेमा, संगीत, नाटक, चित्रकला और अन्य कलाओं तक, बंगाल के उल्लेखनीय अग्रदूतों ने कई क्षेत्रों में नए मार्ग और तरीके खोजे हैं.”
मुर्मू ने कहा कि बंगाल के लोगों ने हमेशा सामाजिक न्याय, समानता और स्वाभिमान के आदर्शों को प्राथमिकता दी है. उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि कोलकाता में एक सड़क का नाम उन संथाल नेताओं की याद में ‘सिदो-कान्हू-दहर’ रखा गया है, जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक सत्ता और भ्रष्ट जमींदारी व्यवस्था को हटाने के लिए विद्रोह का नेतृत्व किया था.राष्ट्रपति ने कहा, ‘इस तरह की पहल हमारे स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों को बल देती है, खासकर हमारे आदिवासी भाई-बहनों के आत्म-विश्वास और आत्म-गौरव को.’ स्वागत समारोह में विपक्षी दल भाजपा का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था.