रायपुर। राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी क्षेत्र के अंतर्गत महज थाने से कुछ ही दूरी पर नशे और सट्टे का कारोबार फल फूल रहा है तथा पुलिस प्रशासन का भी इस मामले में सिर्फ खानापूर्ति की कार्यवाही की बात सामने आईं है।
गुढ़ियारी थाने के नजदीक ही खुलेआम सट्टेबाजी और नशे की टैबलेट, सिरप बेचने का धंधा बेखौफ होकर किया जा रहा है जिसका 15 दिन के भीतर ही 2 बार यह मामला गुढ़ियारी थाना के संज्ञान में आया था लेकिन पुलिस प्रशासन की कोई बड़ी कार्यवाही इन अपराधियों पर नही कि जा रही है,और अगले ही दिन यह कार्य फिर से शुरू हो जाती है,जिससे गुढ़ियारी थाना पुलिस की भूमिका संदेह के दायरे में जान पड़ती है।
सूत्रों के मुताबिक अवैध सट्टे और नशे का कारोबार का मुख्य संचालक संजय बिहारी है जो पहले भी सिरप, टैबलेट बेचने के आरोप में जेल जा चुका है और सूत्रों का यह भी कहना है कि संजय बिहारी का पूरा काम उसके लड़के संभाल रहे हैं।
गुढियारी क्षेत्र में इन अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि ये बेखौफ यह नशे और सट्टे का कारोबार चला रहे हैं, जिन्हे पुलिस प्रशासन का भी कोई डर नही है।पुलिस प्रशासन भी इनपर ठीक तरह से लगाम नही लगा पा रही है,या फिर किसी नेता या बड़ी हस्ती का सरंक्षण इन अपराधियों को प्राप्त है जिसके चलते गुढ़ियारी थाना इन पर उचित कार्यवाही नही कर पा रही है।
क्या नशे के कारोबार, अवैध सट्टेबाजी चलाने में किसी नेता का सरंक्षण?मितान भूमि की टीम जांच पड़ताल में पहुंची गुढ़ियारी
मामले का संज्ञान लेने जब मितान भूमि की टीम गुढ़ियारी क्षेत्र में जांच पड़ताल के लिए पहुंची तभी आम आदमी पार्टी के यूथ विंग के नेता विकास दास मानिकपुरी से बातचित कि तो इस विषय पर बताया कि यहां इस क्षेत्र में सट्टा, दारू, गांजा नशे की सिरप टैबलेट खुलेआम बिकता है जिसकी शिकायत कई बार गुढ़ियारी थाने में की गई लेकिन इसके बावजूद भी थाने के प्रभारी द्वारा कोई उचित कार्यवाही नही की जाती है।
युवा नेता का कहना है कि नशे और सट्टेबाजी से हमारा समाज और देश का युवा किस ओर जा रहा है ये अत्यंत ही चिंता का विषय है,हम किस समाज को जन्म दे रहे हैं। नशेड़ियों को यहां सारा कुछ आसानी से मिल जाता है इसलिए अपराध यहां अपने चरम सीमा पर है।अगर जल्द ही गुढियारी थाना इस पर कार्यवाही नही करती तो हम गुढ़ियारी थाने का घेराव करेंगे और जरूरत पड़ी तो उग्र आंदोलन भी करेंगे।
निश्चित रूप से गुढियारी थाना की भूमिका पर भी यह सवाल उठता है कि आखिर ऐसे अपराधियों पर थाना प्रभारी द्वारा कोई ठोस कार्यवाही क्यों नही की जाती जबकि शहर में रोज नशे को सट्टेबाजी को लेकर रोज कोई न कोई कार्यवाही की जा रही है, या फिर थाना प्रभारी को किसी का डर है।