दुनिया में सबसे अधिक सोना कौन और क्यों खरीदता है? जानें यहां

क्या आप जानते हैं कि अब तक खनन किए गए सोने का लगभग पांचवां हिस्सा केंद्रीय बैंकों के पास है?
क्या आप जानते हैं दुनिया में सबसे अधिक सोना कौन खरीदता है? सोने की खानों से जितना सोना अब तक निकला है, उसका पांचवां हिस्सा केंद्रिय बैंकों के पास है। निवेशकों और जेवर खरीदने वाले उपभोक्ताओं के अलावा दुनिया भर के देशों के केंद्रीय बैंक सोने की डिमांड का एक प्रमुख स्रोत हैं। साल 2022 में केंद्रीय बैंकों ने 1967 के बाद से सबसे तेज गति से सोने की खरीदारी की है। हालांकि, 2022 की रिकॉर्ड सोने की खरीदारी 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत के विपरीत है। उस समय केंद्रीय बैंक सोने के शुद्ध विक्रेता थे।

सबसे पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि केंद्रीय बैंक सोना क्यों खरीदते हैं? यहां तीन कारण बताए गए हैं कि केंद्रीय बैंक सोना क्यों रखते हैं।

पहला: विदेशी मुद्रा भंडार को संतुलित करना

मुद्रा धारण से जोखिम का प्रबंधन करने और आर्थिक उथल-पुथल के दौरान स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बैंकों ने लंबे समय से सोने को अपने भंडार के हिस्से के रूप में रखा है।

दूसरा: फिएट मुद्राओं के खिलाफ हेजिंग

मुद्रास्फीति के कारण मुद्राओं (मुख्य रूप से यूएस डॉलर) की घटती क्रय शक्ति के खिलाफ सोना एक बचाव प्रदान करता है।

तीसरा: पोर्टफोलियो में विविधता लाना

सोने का अमेरिकी डॉलर के साथ उलटा संबंध है। जब डॉलर के मूल्य में गिरावट होती है, तो सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं। सोने से केंद्रीय बैंकों को अस्थिरता से बचाया जाता है।

विजुअल कैपिटलिस्ट पर दिए गए इन्फोग्राफिक्स के मुताबिक 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में, केंद्रीय बैंक सोने के शुद्ध विक्रेता थे। बिकवाली के पीछे कई कारण थे, जिनमें अच्छी व्यापक आर्थिक स्थिति और सोने की कीमतों में गिरावट का रुख शामिल है। भारत चौथे नंबर पर रहा, उसने इस अवधि में 395 टन सोने की खरीदारी की। 1997 के एशियाई वित्तीय संकट और बाद में 2007-08 के वित्तीय संकट के बाद सोने के प्रति केंद्रीय बैंक का दृष्टिकोण बदलना शुरू हुआ। 2010 से केंद्रीय बैंक वार्षिक आधार पर सोने के शुद्ध खरीदार रहे हैं।

1999 के अंत से 2021 के अंत तक सोने के 10 सबसे बड़े आधिकारिक खरीदार

आईएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक 1999 और 2021 के अंत के बीच सोने के टॉप- 10 आधिकारिक खरीदार केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीदे गए सभी सोने का 84% गोल्ड खरीदे। इस अवधि में रूस और चीन पिछले दो दशकों में सोने के सबसे बड़े खरीदार रहे हैं। रूस ने विशेष रूप से 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों से प्रभावित होने के बाद अपनी सोने की खरीदारी में तेजी लाया। इस लिस्ट में सबसे दिलचस्प बात यह है कि अधिकांश देश उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं। ये देश मुद्राओं, मुख्य रूप से अमेरिकी डॉलर को प्रभावित करने वाले वित्तीय और भू-राजनीतिक जोखिमों से बचाव के लिए सोने का भंडारण कर रहे हैं। दूसरी तरफ इस अवधि में सेंट्रल बैंक गोल्ड एग्रीमेंट ढांचे के तहत स्विट्जरलैंड, फ्रांस, नीदरलैंड और यूके सहित यूरोपीय देश 1999 और 2021 के बीच सोने के सबसे बड़े विक्रेता थे।

2022 में किन केंद्रीय बैंकों ने खरीदा सोना?

तुर्की अक्टूबर 2022 तक सोने का सबसे बड़ा खरीदार था, जिसने अपने भंडार में 148 टन जोड़ा। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच चीन ने भी नवंबर और दिसंबर के महीनों में 62 टन सोने की खरीदारी जारी रखी। भारत ने 33 टन सोना खरीदा, जो केंद्रीय बैंकों द्वारा इस अवधि में खरीदे गए कुल सोने का केवल 3 परसेंट है।

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