चीता ‘सियाया’ ने 4 शावकों को दिया जन्म, सीएम शिवराज ने जाहिर की खुशी, कमिश्नर बोले- मूल रूप से कहलाएंगे भारतीय

मुरैना। चंबल संभाग के श्योपुर (Sheopur) जिले के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में मादा चीता ‘साशा’ के अंतिम संस्कार के एक दिन बाद ही दूसरी मादा चीता ‘सियाया’ ने चार शावकों को जन्म दिया है। यह भारत के इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। क्योंकि 1947 में अंतिम चीता के मारे जाने के बाद अब भारत की धरती पर चीते के चार शावकों का जन्म हुआ है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर नन्हें मेहमानों के आने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि नन्हें मेहमानों के आने का अप्रतिम आनंद।

ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर दीपक सिंह ने बताया कि कूनो में 17 सितंबर को छोड़े गए नामीबिया (Namibia) से लाए गए चीतों में से एक मादा चीता सियाया ने चार चीतों को जन्म दिया है। इस खबर के बाद यह भारत के लिए यह ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है। नामीबिया और अफ्रीका से आए 20 चीतों में शामिल सियाया के गर्भ से भारतीय भूमि पर पैदा हुए चार शावक अब मूल रूप से भारतीय कहलाएंगे।

कूनो नेशनल पार्क में गूंजी ‘किलकारी’: फीमेल चीता ने दिया 4 बच्चों को जन्म, देखिए वीडियो

वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट (wild life expert) अजय दुबे ने कहा कि यह भारत के अमृतकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि है। छत्तीसगढ़ के मेरे कोरिया (Korea, Chhattisgarh) जिले में 1947 में शिकार किया गया। अंतिम चीता के बाद भारत की धरती पर यह चार शावकों का जन्म निश्चित ही वाइल्ड लाइफ प्रेमियों के लिए और सरकार के इस प्रोजेक्ट की बहुत बड़ी खुशखबरी है। दुबे ने कहा कि यह ऐतिहासिक दुर्लभतम उपलब्धि इसलिए भी है कि बंद बाड़े में मेटिंग नहीं होती है। इसलिए बच्चे का जन्म भी मुश्किल होता है।

मध्यप्रदेश 17 सितंबर को उस समय चीता स्टेट बन गया था। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने जन्मदिन (birthday) पर एक समारोह में श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में नामीबिया से आए 8 चीतों को छोड़ा था। टाइगर स्टेट में पिछले दो दिन पहले ही एक मादा चीता की मौत ने सभी को निराश कर दिया था, लेकिन उसके अंतिम संस्कार के अगले ही दिन चीता स्टेट में खुशी की लहर दौड़ गई। यह भारतीय भूमि पर 1947 के बाद जन्मे चीता के पहले चार शावक हैं।

कूनो में नामीबिया से लाई गई मादा चीता ‘साशा’ की मौत: जनवरी से थी बीमार, PM मोदी ने अपने जन्मदिन पर किया था रिलीज

सीएम ने जताई खुशी

प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा और सफल प्रयासों से चीता की सुखद वापसी भारत में हुई है। एमपी चीता स्टेट बना है। आज कूनो नेशनल पार्क में चीता परिवार में चार नए शावकों के आगमन से हम समस्त मध्यप्रदेशवासी हर्षित और आनंदित हैं। सीएम ने कहा कि यह हमारे लिए अत्यंत आनंददायी है कि कूनो में चीता परिवार बढ़ रहा है।मुरैना। चंबल संभाग के श्योपुर (Sheopur) जिले के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में मादा चीता ‘साशा’ के अंतिम संस्कार के एक दिन बाद ही दूसरी मादा चीता ‘सियाया’ ने चार शावकों को जन्म दिया है। यह भारत के इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। क्योंकि 1947 में अंतिम चीता के मारे जाने के बाद अब भारत की धरती पर चीते के चार शावकों का जन्म हुआ है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर नन्हें मेहमानों के आने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि नन्हें मेहमानों के आने का अप्रतिम आनंद।

ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर दीपक सिंह ने बताया कि कूनो में 17 सितंबर को छोड़े गए नामीबिया (Namibia) से लाए गए चीतों में से एक मादा चीता सियाया ने चार चीतों को जन्म दिया है। इस खबर के बाद यह भारत के लिए यह ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है। नामीबिया और अफ्रीका से आए 20 चीतों में शामिल सियाया के गर्भ से भारतीय भूमि पर पैदा हुए चार शावक अब मूल रूप से भारतीय कहलाएंगे।

वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट अजय दुबे ने कहा कि यह भारत के अमृतकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि है। छत्तीसगढ़ के मेरे कोरिया जिले में 1947 में शिकार किया गया। अंतिम चीता के बाद भारत की धरती पर यह चार शावकों का जन्म निश्चित ही वाइल्ड लाइफ प्रेमियों के लिए और सरकार के इस प्रोजेक्ट की बहुत बड़ी खुशखबरी है। दुबे ने कहा कि यह ऐतिहासिक दुर्लभतम उपलब्धि इसलिए भी है कि बंद बाड़े में मेटिंग नहीं होती है। इसलिए बच्चे का जन्म भी मुश्किल होता है।

मध्यप्रदेश 17 सितंबर को उस समय चीता स्टेट बन गया था। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन (birthday) पर एक समारोह में श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में नामीबिया से आए 8 चीतों को छोड़ा था। टाइगर स्टेट में पिछले दो दिन पहले ही एक मादा चीता की मौत ने सभी को निराश कर दिया था, लेकिन उसके अंतिम संस्कार के अगले ही दिन चीता स्टेट में खुशी की लहर दौड़ गई। यह भारतीय भूमि पर 1947 के बाद जन्मे चीता के पहले चार शावक हैं।

कूनो में नामीबिया से लाई गई मादा चीता ‘साशा’ की मौत: जनवरी से थी बीमार, PM मोदी ने अपने जन्मदिन पर किया था रिलीज

सीएम ने जताई खुशी

प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा और सफल प्रयासों से चीता की सुखद वापसी भारत में हुई है। एमपी चीता स्टेट बना है। आज कूनो नेशनल पार्क में चीता परिवार में चार नए शावकों के आगमन से हम समस्त मध्यप्रदेशवासी हर्षित और आनंदित हैं। सीएम ने कहा कि यह हमारे लिए अत्यंत आनंददायी है कि कूनो में चीता परिवार बढ़ रहा है।

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