0 छ.ग. के सभी 170 नगरीय निकायों के 25000 प्लेसमेंट कर्मी 10 अप्रैल को निगम से ठेका प्रथा बंद करने व नियमितिकरण संबंधी मांगों के साथ एक दिवसीय धरना व रैली निकालेगें 0
0 छ.ग. राज्य के सभी नगर निगम, पालिका, पंचायत के 25000 प्लेसमेंट कर्मी रायपुर धरना स्थल पर ठेका प्रथा बंद करने हेतु धरना देगें 0
0 नियमितिकरण हेतु छ.ग. के नगरीय निकायो से प्लेसमेंट कर्मी की जानकारी नही मंगाये जाने के कारण 25000 निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी धरने पर बैठेगें 0
रायपुर – प्रदेश के सभी 170 नगरीय निकायों में आगामी 10 अप्रैल को एक दिन के लिए सफाई, पानी, बिजली आपूर्ति सहित अन्य प्रशासनिक कार्य बाधित रह सकता है। क्योंकि नगरीय निकायों में प्लेसमेंट पर तैनात सभी कर्मचारी ठेका प्रथा बंद कर नियमितीकरण की मांग को लेकर एक दिन का महाधरना देने जा रहे हैं। यह जानकारी छग नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय ऐडे ने दी है।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय ने कहा है कि शासन द्वारा नियमितीकरण की प्रक्रिया अपनाई गई है, जिसमें नगरीय निकायों के प्लेसमेंट कर्मचारियों की जानकारी अभी तक नहीं गई है। मंत्रालय से जो जानकारी देने के लिए फार्मेट अन्य विभागों में भेजा गया है, वह अभी निकायों में नहीं आया है। वहीं शासन ने करीब 45 हजार अनियमित मांग पत्र कर्मचारियों को नियमित करने के लिए सूची तैयार कर लिया है। इसमें निकायों के एक भी कर्मचारी शामिल नहीं है। बता दें कि प्रदेशभर के 170 निकायों में करीब 25 हजार कर्मचारी प्लेसमेंट पर तैनात है। इनमें से अधिकांश ऐसे हैं जो 10-15 साल से प्लेसमेंट पर ही काम कर रहे हैं।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री संजय ऐडे ने बताया कि ठेका प्रथा बंद कर नियमितीकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री सहित समस्त विभागीय मंत्री व तीन केबिनेट मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा जा चुका है, लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। आदिवासी इलाका बस्तर और जशपुर के नगरीय निकायों में तैनात प्लेसमेंट कर्मचारियों में सबसे ज्यादा आक्रोश है। इन इलाकों के निकायों में सफाई, पानी, बिजली सहित अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए प्लेसमेंट पर बड़ी संख्या में कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
इसी तरह रायपुर नगर निगम सहित पूरे छ.ग. में करीब 25000 हजार कर्मचारी प्लेसमेंट पर तैनात हैं। सफाई व्यवस्था, पानी आपूर्ति, बिजली और कम्प्यूटर ऑपरेटर, ऑफिस कार्य का काम शत प्रतिशत यही लोग संभाल रहे हैं।