रायपुर. बिजली नियामक आयोग राज्य के स्टील उद्योग पर इस कदर मेहरबान है कि उसकाे घरेलू से भी सस्ती बिजली लगातार दूसरे साल देने की मंजूरी दे दी है, जबकि इस बार फिर से इसको लेकर आपत्ति लगाई गई थी। लेकिन उसको नहीं माना गया है। अब ऐसा होने से स्टील उद्योग को लोड फैक्टर से होने वाला फायदा साल भर और मिलेगा।
प्रदेश के स्टील उद्योग को लोड फैक्टर के कारण घरेलू उपभोक्ताओं से भी सस्ती बिजली मिल रही है। इस सस्ती बिजली के खिलाफ पुराने अफसरों ने दो साल से मोर्चा खोल रखा है। इस साल भी आयोग में इसको लेकर आपत्ति लगाई गई थी, लेकिन आयोग से सिर्फ टीओडी में ही 15 प्रतिशत की छूट काे कम किया है, लेकिन लोड फैक्टर से होना वाला 25 फीसदी सस्ती बिजली का फायदा यथावत रखा है। लोड फैक्टर के कारण स्टील उद्योग को 6.10 रुपए टैरिफ वाली बिजली 4.58 यूनिट में मिल रही है। वीसीए और अन्य शुल्क जोड़ने के बाद भी यह बिजली छह रुपए के आस-पास मिलती है।
लाेड फैक्टर के कारण चांदी
प्रदेश में स्टील उद्योग ऐसा है जो सबसे ज्यादा बिजली खरीदता है। उद्योग हमेशा से ही बिजली महंगी होने का रोना रोते रहता है। सरकार के पास उद्योगों के बंद होने की गुहार लगाकर कई बार ऊर्जा शुल्क में छूट भी ले ली गई है। लेकिन चल रहे सत्र के बाद अब नए सत्र के लिए भी लोड फैक्टर के कारण स्टील उद्योग की चांदी हो गई है। हालांकि स्टील उद्योग से जुड़े कारोबारी इस बात काे नकारते हैं कि उनको फायदा हो रहा है। इनका कहना है उनकाे सभी शुल्क मिलाकर बिजली छह रुपए प्रति यूनिट से भी ज्यादा पड़ती है। अगर इनकी बात मान ली जाए ताे भी इनकी बिजली तो घरेलू बिजली से सस्ती ही हुई, क्योंकि 400 यूनिट से ज्यादा खपत करने पर साढ़े सात रुपए से ज्यादा देने पड़ते हैं। अगर खपत 600 यूनिट से ज्यादा होती है तो इसकी कीमत 9 रुपए के आस-पास लगती है, क्योंकि टैरिफ ही 7.90 रुपए है। इसके अलावा 78 पैसे वीसीए और अन्य शुल्क भी लगते हैं।
लोड फैक्टर में 25 फीसदी सस्ती बिजली
स्टील उद्योग के लिए एक लोड फैक्टर तय है। जिस प्लांट ने जितने किलोवाट का कनेक्शन लिया है, उसमें लोड के उपयोग के अनुसार उसके टैरिफ में प्रतिशत कम किया जाता है। 2021-22 में 63 से 70 प्रतिशत था। यानी 64 प्रतिशत का उपयोग करने वालों को टैरिफ में एक प्रतिशत की छूट मिली, इसी तरह से 70 फीसदी तक उपयोग करने वालों को 8 फीसदी छूट मिली। लेकिन 2022-23 में इसको 50 से 75 प्रतिशत करके 25 फीसदी तक छूट का प्रावधान कर दिया गया। इस छूट को नए सत्र के लिए भी जारी रखा गया है।
6.10 रुपए की बिजली मिल रही 4.58 रुपए में
बड़े उद्योगों का जितने मेगावाट का कनेक्शन है, उसका आसानी से ये 70 से 75 फीसदी तक उपयोग कर लेते हैं। 75 फीसदी उपयोग का मतलब यह है कि 6.10 प्रति यूनिट का टैरिफ सीधे-सीधा 25 फीसदी छूट के कारण 1.52 रुपए कम होकर 4.58 रुपए हो जाना। यही हो रहा है जिसके कारण स्टील उद्योगों को सस्ती कीमत पर बिजली मिल रही है।
आपत्ति खारिज कर दी
रिटायर इंजीनियर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और नियामक आयोग के पूर्व सचिव पीएन सिंह, का कहना है, स्टील उद्योग को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए गए लोड फैक्टर के खिलाफ जनसुनवाई में दस्तावेजों के साथ बिजली नियामक आयोग में आपत्ति लगाई थी, लेकिन हमारी आपत्ति काे खारिज करके स्टील उद्योग को फायदा पहुंचाया जा रहा है।