जयपुर. राजस्थान की गहलोत सरकार 2008 के जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में बरी हुए आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 के जिला न्यायालय के फैसले को पलटते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने सभी आरोपियों को बरी किया है। बता दें हाईकोर्ट ने सीरियल ब्लास्ट के मामले में चारों आरोपियों को बरी कर दिया था। जिसकी वजह से गहलोत सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। बीजीपी के साथ-साथ सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा।
पैरवी हेतु नियुक्त अतिरिक्त महाधिवक्ता की सेवाएं समाप्त
सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। इसलिए हाईकोर्ट के फैसले के विरूद्ध राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय में शीघ्र ही विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल करेगी। साथ ही, मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण में पैरवी हेतु नियुक्त अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेन्द्र यादव की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया। बता दें कोर्ट ने अपने फैसले में राज्य सरकार की प्रक्रिया की कानूनी खामियों की तरफ इशारा किया था। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव गृह श्री आनंद कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री उमेश मिश्रा, एडीजी एसओजी-एटीएस श्री अशोक राठौड़, एडीजी क्राइम श्री दिनेश एमएन, एडीजी इंटेलिजेंस एस. सेंगथिर, प्रमुख शासन सचिव विधि श्री ज्ञान प्रकाश गुप्ता एवं सचिव गृह (विधि) श्री रवि शर्मा मौजूद थे।
पायलट ने साधा था निशनाा
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने जयपुर ब्लास्ट के चारों आरोपियों के बरी होने पर सरकार से दोबारा जांच कराने की मांग की थी। सचिन पायलट ने कहा कि सभी को पता है उस दिन क्या हुआ था। उन्होंने गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि सबको याद है बम ब्लास्ट की घटना में लोगों की जान गई। लंबे समय तक मुकदमा चला। आरोपियों को पकड़ा गया और लोवर कोर्ट ने सजा सुना दी। फिर भी आरोपी बरी हो गए। गृह विभाग और विधि विभाग को आत्मचिंतन करना पड़ेगा।