नई दिल्ली. आजकल बहुत सारे लोग थायराइड की समस्या से ग्रस्त हो रहे हैं। जिसकी वजह से उनके शरीर का अचानक वजन बढ़ने लगता है और सुस्ती, थकान, बालों का झड़ना जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को थायराइड ज्यादा तेजी से हो जाता है। ऐसे मे जरूरी है कि हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो किया जाए। रोजाना अगर इन योगासन के अभ्यास किए जाएं तो केवल थायराइड ही नहीं बल्कि दूसरी बीमारियों में आराम मिलने लगता है। तो चलिए जानें कौन से योगासन थायराइड में आराम दिलवाते हैं।
उज्जायी
जिन महिलाओं को थायराइड की समस्या है वो इस तरह के योगासन को बिल्कुल आसानी से कर सकती हैं। इसमे सांसों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इस तरह से करें उज्जायी।
सबसे पहले गले से सांस अंदर भरकर ऊं का उच्चारण करें। कहते हैं कि इस तरह से थायराइड ग्रंथि को आराम मिलता है और वो सुचारु रूप से काम करने में मदद करती है। रोजाना 8-12 बार इसे किया जा सकता है। हालांकि शुरुआत में आप इसे कम बार ही करने का प्रयास करें।
कपालभाति
कपालभाति बहुत ही फायदेमंद योग है। इसे करने से ना केवल इम्यूनिटी बढ़ती है बल्कि पेट की मांसपेशियां भी स्ट्रांग होती है। वहीं शरीर के सारे अशुद्ध तत्व बाहर निकलते हैं और थायराइड से छुटकारा मिलने में मदद मिलती है।
भ्रस्त्रिका प्राणायाम
भ्र्स्त्रिका प्राणायाम करने के तीन तरीके हैं। इन तीन तरीकों में से आप धीरे-धीरे कर अभ्यास करने की कोशिश करें। सबसे पहले जल्दी-जल्दी सांस लेकर सांस छोड़े। फिर करीब ढाई सेकेंड तक सांस लें और ढाई सेकेंड तक रोककर रखें। फिर सांस को छोड़ दें। जब ढाई सेकेंड तक सांस रोककर रखने का अभ्यास बन जाए तब करीब पांच सेकेंड तक सांस को लें और पांच सेकेंड तक सांस रोककर रखें। इस आसन को लगातार पांच मिनट तक करें।
सर्वांगसन
सर्वांगसन को करने से थायराइड ग्रंथि पर दबाव पड़ता है और वो ठीक से काम करने लगती है। साथ ही ये योगासन करने से नर्व्स सिस्टम भी ठीक से काम करता है। जिसकी वजह से पिट्यूटरी ग्लैंड और पीनियल ग्लैंड थायराइड की ग्रंथियों पर सही तरीके से कंट्रोल करती है और थायराइड की समस्या कम होती है।
इसके साथ ही इन योगासन करने से भी फायदा मिलता है।
विपरीतकर्णी
भुजंगासन
मत्स्यासन
मर्जरीआसन
हलासन