रायपुर। राजधानी रायपुर के पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता मिहीलाल कुर्मी (मिहिर कुर्मी) अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण आयोग का रायपुर संभाग उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।ये जिम्मेदारी उन्हें सामाजिक स्तर पर किये गए विभिन्न कामकाजों के आधार पर संगठन ने दी है। छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष शरीफ खान व प्रदेश प्रदेश सचिव शब्बीर अहमद अंसारी के आदेशानुसार रायपुर संभाग के अध्यक्ष अजीम खान ने नियुक्ति की है जो कि रायपुर ज़ोन के अंतर्गत रायपुर, महासमुंद, बलौदाबाजार, धमतरी और गरियाबंद जिलों के मानवाधिकार संबधित जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे।
मिहिर कुर्मी जी को मिली इस नई जिम्मेदारी पर लोगों का कहना है कि बिना किसी पद व जिम्मेदारी के भी इन्होने जनसेवाओं में बढ़चढ़ के हिस्सा लिया है। आनेवाले समय में वे निश्चित ही जन मानस हेतु सराहनीय कार्य करेंगे ।इस मौके पर संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी तनवीरुद्दीन (अफरोज) ख्वाजा,पवन जायसवाल,रायपुर संभाग महासचिव प्रद्युमन शर्मा, संभाग महिला विंग की महासचिव कायनात शेख, प्रदेश संगठन सचिव राहुल शर्मा, रायपुर जिला सचिव इमरान बेग सभी ने मिहिलाल कुर्मी जी को रायपुर सम्भाग उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी पर बधाई दी है सभी ने आगे और जनसेवा कार्य करने व मानवाधिकार से सम्बंधित शिकायतों में बढ़चढ़ कर जनता के सहयोग करते रहने की शुभकामनाएं दी।
मिहिर कुर्मी जी ने कहा कि अगर लोगों का शासन प्रशासन या अन्य किसी के भी द्वारा उनके सामान्य मानव अधिकारों का हनन हो रहा है तो वे अपने अधिकार से सम्बंधित निम्न शिकायतें आयोग के समक्ष रख सकते हैं……
मानव अधिकार – ऐसे सभी अधिकार जो व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता एवं प्रतिष्ठा से जुड़े हुए हैं भारतीय संविधान के भाग 3 में मूलभूत अधिकारों के रूप में वर्णित है, उन्हें मानव अधिकार कहा गया है ।
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण आयोग में आवेदन की प्रक्रिया :
पीड़ित व्यक्ति निःशुल्क आवेदन आयोग को संबोधित करते हुए अपना हस्ताक्षर एवं पूर्ण पता लिखकर प्रेषित कर सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण आयोग में आवेदन की सीमाएं :
एक वर्ष से अधिक पुरानी घटना, न्यायालय में लंबित प्रकरण, अस्पष्ट व ओछी शिकायत एवं आयोग के क्षेत्राधिकार के बाहर की शिकायतों पर विचार नहीं किया जायेगा।
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण आयोग का कार्य एवं गतिविधियां सामान्य प्रकरण,जिन पर आयोग द्वारा सुनवाई की जाती है:
1. जेल, अस्पताल एवं थानों का निरीक्षण कर, मानव अधिकारों के हनन की जानकारी लेना एवं मानव अधिकारों के संरक्षण हेतु आवश्यक सुझाव देना ।
2. पुलिस हिरासत, जेल तथा अन्य नजरबंदी केन्द्रों में मानव अधिकारों के संरक्षण को सुनिश्चित करना एवं
प्रभावित पीड़ितो को सहायता दिलाने का कार्य ।
3. शैक्षणिक संस्थाओं में विद्यार्थियों के अध्ययन-अध्यापन हेतु व्यवस्था की जांच एवं रैगिंग रोकने हेतु समुचित निर्देश देना।
4. बालक-बालिकाओं एवं महिलाओं को समान सामाजिक संरक्षण का अधिकार दिलाने का प्रयास करना ।
5. मानव अधिकारों के संरक्षण से संबंधित कानूनों की समीक्षा करना और सुधार के लिए सुझाव देना ।
6. मानव अधिकारों के संबंध में अनुसंधान एवं प्रचार-प्रसार का कार्य करना|
7.मानव अधिकारों के समुन्नति के लिए आवश्यक कार्य करना।
8.स्वास्थ्य एवं जन सेवाओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए आवश्यक कार्य करना ।
9.शुध्द जलवायु पाने के अधिकार के अंतर्गत, पर्यावरण के संरक्षण संबंधी कार्य हेतु आवश्यक अनुशंसा तथा निर्देश जारी करना ।
10. मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1933 के अन्तर्गत शिकायतों की जांच एवं अनुशंसा करना ।
11. शोषण के विरुध्द मानव का दूर व्यवहार और बलाश्रम प्रतिषिध्द के संबंध में आवश्यक अनुशंसा करना।
12. श्रमिकों के हितों की जानकारी एवं विधि मान्य संरक्षण के अंतर्गत अनुशंसा ।
13. सेवा निवृत्त शासकीय सेवकों के पेंशन एवं महालेखाकार के अन्य प्रकरणों में मानव अधिकारों के अंतर्गत सहायता करना
14. शासकीय सेवक द्वारा किसी व्यक्ति के मानव अधिकारों के हनन से संबंधित शिकायत की जांच एवं निराकरण |
15. मानव अधिकार संबंधित अन्य सभी अधिकार जो भारतीय संविधान के अंतर्गत नागरिकों को प्रदान किये गए है, के संरक्षण हेतु कार्यवाही करना आदि।