इंडिया में आखिर इनकम टैक्स फाइलिंग की कैसे हुई शुरुआत, जानिए किस तरह डिजिटल हुई पूरी प्रक्रिया

आज के दौर में इनकम टैक्स भरना बहुत आसान हो गया है. आप अपने लैपटॉप या कंप्यूटर की मदद से सिर्फ एक क्लिक से आसानी से इनकम टैक्स जमा कर सकते हैं, लेकिन पहले के जमाने में ऐसा नहीं था. आपको लाइन में खड़े होकर इनकम टैक्स ऑफिस जाना था और टैक्स जमा करना था.
आयकर विभाग की शुरुआत

आयकर विभाग की स्थापना 1922 में हुई थी. इसे देश में कर प्रणाली की आधारशिला माना जाता है. इसके बाद 1924 में सेंट्रल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू एक्ट लाया गया, जो आयकर विभाग का काम देखता था, फिर धीरे-धीरे इसमें कर प्रावधान जोड़े गए और कई प्रशासनिक बदलाव भी किए गए.
आयकर अधिनियम 1961

प्रत्यक्ष कर प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सरकार द्वारा एक सलाहकार समिति का गठन किया गया था. इसके द्वारा आज के समय में लागू होने वाला आयकर अधिनियम 1961 लाया गया जो 1 अप्रैल 1962 से लागू हुआ. इसमें पहली बार राजस्व अंकेक्षण को जोड़ा गया. इसके साथ ही आयकर अधिकारियों के काम के मूल्यांकन के लिए भी पहली बार नई व्यवस्था लागू की गई.
इनकम टैक्स एक्ट में बड़े बदलाव

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की स्थापना केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम 1963 के तहत की गई थी. वार्षिकी जमा योजना 1964 में शुरू की गई थी.
कम्प्यूटरीकरण की शुरुआत 1981 में हुई. शुरुआत में कंप्यूटर के जरिए सिर्फ चालान भरे जाते थे.
1984-85 में महानगरों में तीन कम्प्यूटर केन्द्र खोले गए, जिनमें एसएन-73 प्रणाली का प्रयोग किया गया.
बाद में 1989 तक इसे 33 शहरों तक बढ़ा दिया गया. तब से PAN और TAN को कंप्यूटर सिस्टम के जरिए ही जारी किया जाता था.
2002 में पूरे देश में कंप्यूटर के जरिए रिटर्न फाइल करने की सुविधा शुरू की गई थी.
2014 में आयकर विभाग की नई वेबसाइट www.incometaxindia.gov.in लॉन्च की गई, जिसमें कई फीचर जोड़े गए.

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