गुजरात की साबरमती जेल से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज ले जाए जा रहे गैंगस्टर अतीक अहमद ने बुधवार को मीडिया का शुक्रिया अदा किया और कहा कि मीडिया की वजह से ही वह सुरक्षित है। अतीक का काफिला थोड़ी देर के लिए राजस्थान के बूंदी में रुका था। इसी दौरान मीडिया कर्मियों ने उससे बात की। अतीक ने कहा कि ‘मेरा परिवार बर्बाद हो गया है..मैं जेल में था, मैं इसके (उमेश पाल हत्याकांड) के बारे में क्या जानूंगा।’
इससे पहले प्रयागराज के लिए साबरमती जेल से निकाले जाते समय अतीक ने कहा था कि पुलिस उसे मारना चाहती है। यह सही नहीं है। वे मुझे मारना चाहते हैं। उधर, यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा है कि सरकार पूरे मामले की निगरानी कर रही है और सख्त से सख्त सजा दिलाने का लक्ष्य रखती है। पाठक ने कहा, ‘हम अदालत के फैसले का पालन कर रहे हैं। अब उत्तर प्रदेश में अपराधी बच नहीं पाएंगे। सरकार पूरे मामले की निगरानी कर रही है और हमारा उद्देश्य सख्त से सख्त सजा दिलाना है।’
बता दें कि पिछले 28 मार्च को, अतीक अहमद को एक एमपी-एमएलए अदालत ने उमेश पाल अपहरण केस में दोषी ठहराते हुए कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और उसका परिवार सवालों के घेरे में है। अतीक अहमद, जिस पर पिछले 43 वर्षों में 100 से अधिक मामले दर्ज हैं, को अभी तक इसी एक मामले में दोषी ठहराया गया है।
दिल्ली पुलिस ने तीन को किया गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जेल में बंद गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद की कथित तौर पर मदद करने और उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने के आरोप में राष्ट्रीय राजधानी से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार तीनों लोगों की पहचान जावेद, खालिद और जीशान के रूप में हुई है। जांच के दौरान, खालिद और जीशान ने खुलासा किया कि उन्होंने असद और गुलाम को भी शरण दी थी, जो कुख्यात उमेश पाल हत्याकांड में वांछित आरोपी हैं।
बहुजन समाज पार्टी के नेता राजू पाल की हत्या के एक प्रमुख गवाह उमेश पाल और उनके दो सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों में से एक की 24 फरवरी को प्रयागराज के सुलेम सराय इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश और उनके बंदूकधारियों पर कई राउंड फायरिंग की गई और बम फेंके गए। इस वारदात में घायल उमेश पाल के दूसरे सुरक्षाकर्मी की भी बाद में मौत हो गई थी।