रायपुर. निगम प्रशासन द्वारा नगर में जागरूकता के लिए रेली निकाले जाने और पुनः इसमें सरकारी पैसे की बरबादी होते देख जनसभा संगठन के अध्यक्ष अरुण पाण्डेय ने नगर निगम प्रशासन द्वारा सरकारी मद से लगातार स्वच्छता के नाम पर होर्डिंग, रंगोली, व सांस्कृतिक कार्यक्रम करके पैसा खर्च करने का आरोप लगाया हैं। उनका कहना है कि शहर भर के अधिकतर व्यापारी रात्रि होते ही जब अपने दुकान बंद करते हैं तब सड़को और चौराहों पर उनके संस्थानों का कचरा डाल दिया जाता है। चाय वाले हो या पान दुकान वाले, सब्जी फ़ल वाले या बड़े व्यवसाय करने वाले सभी संस्थानों का यही हाल है। जनसभा के अध्यक्ष अरुण पाण्डेय ने निगम आयुक्त दिनेश नाग को सुझाव देते हुए कहा है कि नगर भर में सीसीटीवी कैमरे लगे होने का दावा प्रशासन और पुलिस विभाग करती है। उन्ही कैमरों की मदद से निगम प्रशासन द्वारा क्यों नही देखा जाता की कौन सड़क और चौराहों पर कचरा डाल रहा है, और ऐसा करने वाले पर कड़ी कार्यवाही के साथ भारी जुर्माना भी लगाया जावे तो जल्द स्वच्छ शहर का सपना साकार होगा। व्यवसायियों द्वारा अगर कचरा डालना बंद नही किया जाता है तब उनका गुमास्ता रद्द कर देना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा की जो सफाई कर्मचारी कचरा उठाते हैं उन्हें सरकारी दर अनुसार वेतन दिया जाना चाहिए। काम वेतन मिलने के कारण भी कर्मचारियों की स्वच्छता के प्रति उत्साह स्वतः कम होती है।