कोरबा। ससुरालियों ने विवाह के महज तीन माह नव विवाहिता को दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उसके बीमार होने पर ईलाज कराना तो दूर सुध लेना भी मुनासिब नही समझा। हद तो तब हो गई, जब सेहत में सुधार के बाद नव विवाहिता ससुराल पहुंची। उसे पांच लाख रूपए लाने की बात कहते हुए घर से ही निकाल दिया। मामले मेंं पुलिस ने पति के अलावा सास और अधिवक्ता ससुर के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।
कुसमुंडा थानांतर्गत विकास नगर के आवास क्रमांक एम 213 में दीपक महंत निवास करती है। उसने अपनी पुत्री सरिता महंत का विवाह वर्ष 2016 में पचपेड़ी नाका, नवजीवन सोसायटी हरदीहा साहू समाज के पीछे कबीर कुटिया थाना टिकरा पारा रायुपर निवासी रूहनिष महंत से किया था। विवाह के शुरूआती तीन माह तक तो सबकुछ ठीक ठाक चलता रहा। इसके बाद पति रूहनिष के अलावा सास मालिनी महंत और पेशे से अधिवक्ता ससुर मनोकांत महंत ने दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। वे एसईसीएल कर्मी मां के पास रकम होने के बाद भी दहेज कम लाने की बात कहते हुए नव विवाहिता को प्रताड़ित करने लगे। इस बीच नव विवाहिता को पता चला कि उन्होंने अपने इकलौते पुत्र का विवाह कंपनी में कर्मचारी बताकर किया था, जबकि वह बेरोजगार था। उसने नशे की हालत में घर पहुंचकर पत्नी से मारपीट शुरू कर दी। इस बीच सरिता बीमार हो गई। ससुरालियों ने उसका उपचार कराने से मना कर दिया। जिसकी जानकारी सरिता ने अपनी मां को दी। मां ने बेटी का अपोलो अस्पताल में उपचार कराया। इस दौरान ससुरालियों ने सुध लेना मुनासिब नही समझा। हद तो तब हो गई, जब सेहत में सुधार के बाद सरिता अपनी मां के साथ ससुराल पहुंची। उसे पति रूहनिष, सास मालिनी और अधिवक्ता ससुर मनोकांत ने पांच लाख रूपए लाने पर ही घर में रखने की बात कहते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया। मां बेटी अपने परिजनों के साथ रिश्ता जोड़ने का हर संभव प्रयास करते रहे, लेकिन ससुरालियों की हठधर्मिता के कारण सफलता नही मिली। आखिरकार नव विवाहिता ने कुसमुंडा थाने में लिखित शिकायत कर दी। मामले में पुलिस ने पति रूहनिश के अलावा सास मालिनी व अधिवक्ता ससुर मनोकांत के खिलाफ धारा 498 ए, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है।