योग स्वस्थ रहने का एक ऐसा माध्यम है जिसे यदि सही तरीके से किया जाए तो कई रोगों से न केवल बचा जा सकता है, बल्कि कई रोगों को दूर भी किया जा सकता है। योग को लेकर इन दिनों जागरूकता बढ़ती जा रही है। बच्चों को भी योग के माध्यम से स्वस्थ रखा जा सकता है।
योग विशेषज्ञ डा. हेमंत शर्मा के अनुसार, हर आयु के लोगों के लिए अलग-अलग योग के आसन होते हैं। हर योग हर व्यक्ति के लिए नहीं होता। बात अगर बच्चों की करें तो उन्हें ताड़ासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन, वातायन आसन, सूर्य नमस्कार, अर्ध मत्स्येंद्रासन, नौकासन, धनुरासन, मकरासन, अर्ध हलासन, सर्वांगासन, मत्स्यासन, चक्रासन और शीर्षासन का अभ्यास कराना चाहिए। आसनों के अभ्यास के अलावा ओम् का उच्चारण अवश्यक कराना चाहिए। ओम के उच्चारण से फेफड़े मजबूत होते हैं।
आसान से आंखों को बनाएं स्वस्थ
वर्तमान में बच्चे टीवी, मोबाइल, लैपटाप, कंप्यूटर आदि के संपर्क में अधिक रहते हैं, जिससे उनकी आंखों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे में उन्हें ऐसा आसन कराना भी जरूरी है जो आंखों के लिए बेहतर हों। आंखों को बेहतर बनाने के लिए सेतुबंध आसन, मार्जरी आसन, शशकासन, योगमुद्रा व पशि्चमोत्तानासन करें। आंखों को बेहतर बनाने के लिए एक अंधेरे कक्ष में मोमबत्ती या दीपक जलाकर रखें। उसकी लौ को कुछ देर तक एक टक देंखें और फिर आंखें बंद कर लें। थोड़ी देर बाद हथेलियों को आपस में रगड़ते हुए आंखों पर लगाएं इससे आंखों को आराम मिलेगा और आंखों की रोशनी भी बेहतर होगी।
बच्चों में मोटापे के ये हैं कारण
फास्ट फूड, जंक फूड के सेवन, व्यायाम की कमी और बिगडी जीवनशैली के कारण बच्चों में मोटापा आदि की समस्या भी बढ़ रही है। इस वजह से उनमें कई रोग भी होने लगे हैं। यदि बच्चे का वजन बढ़ा है और पाचन की समस्या आ रही है तो उन्हें सूर्य नमस्कार, नौकासन, अर्धमत्स्येंद्रासन, धनुरासन व मंडूकासन का अभ्यास कराएं। इसके अलावा भोजन के बाद वज्रासन में भी बैठें।
स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए ये करें
बच्चों को यदि अपनी स्मरण शकि्त व एकाग्रता बढ़ाना है तो वृक्षासन, नटराजासन, शशकासन, हलासन, सर्वांगासन, योगमुद्रा, भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करें। इसके अलावा पद्मासन में बैठा करें। योग के अलावा अाहार-विहार का भी ध्यान रखें।