नयी दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में 24 मई को क्वाड लीडर्स समिट का आयोजन होगा और इस बीच ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा है कि वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित क्वाड के अपने सभी समकक्षों का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं।
ऑस्ट्रेलिया पहली बार क्वाड लीडर्स समिट की मेजबानी कर रहा है। इससे पहले इस शिखर सम्मेलन का आयोजन मई 2022 में जापान की राजधानी टोक्यो में हुआ था। यह क्वाड लीडर्स का तीसरा इन-पर्सन समिट होगा।
क्वाड लीडर्स समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भी उपस्थिति रहेंगे। श्री अल्बानीस इस मुद्दे पर पहले ही प्रधानमंत्री मोदी, प्रधानमंत्री किशिदा और राष्ट्रपति बाइडेन के साथ बैठक कर चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि क्वाड भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता, लचीलापन और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध चार देशों की एक राजनयिक साझेदारी है। ऑस्ट्रेलिया ने एक बयान में कहा है कि ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका एक ऐसे क्षेत्र के लिए एक दृष्टिकोण साझा करते हैं जो स्वीकृत नियमों और मानदंडों द्वारा शासित होता है, जहां हम सभी सहयोग कर सकते हैं, व्यापार कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।
क्वाड पार्टनर क्षेत्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा में सुधार, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने, कनेक्टिविटी को मजबूत करने, स्वच्छ ऊर्जा नवाचार को बढ़ाने और आपूर्ति श्रृंखला में लचीलापन लाने सहित साझा क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए व्यावहारिक कार्रवाई कर रहे हैं।
इस वर्ष क्वाड पार्टनर्स जी20 (भारत), जी7 (जापान), और एपेक (अमेरिका) की मेजबानी के माध्यम से इंडो-पैसिफिक में एक मजबूत नेतृत्व की भूमिका निभा रहे हैं।
सिडनी में क्वाड लीडर हमारे सहयोग को मजबूत करने और उस क्षेत्र को आकार देने के लिए, जिसमें हम सभी रहना चाहते हैं, क्वाड भागीदारों और क्षेत्रीय समूहों, प्रमुख आसियान और प्रशांत द्वीप समूह फोरम के साथ कैसे काम कर सकता है, जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
श्री अल्बनीस ने कहा, “मैं ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में पहली बार क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं।”
उन्होंने कहा, “क्वाड एक खुले, स्थिर और समृद्ध भारत-प्रशांत का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है,जो संप्रभुता का सम्मान करता है और सभी के लिए सुरक्षा तथा विकास सुनिश्चित करता है। मैं क्वाड नेताओं के साथ चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं कि कैसे हम – आसियान, प्रशांत द्वीप समूह फोरम, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन और हमारे क्षेत्रीय भागीदारों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संस्थानों के साथ भारत-प्रशांत क्षेत्र को आकार दे सकते हैं जिसमें हम रहना चाहते हैं।”