यह उपाय आज भी चमत्कारी रूप से शुभ फल प्रदान करता है. ऐसा नियमित रूप से करने पर व्यक्ति की कुंडली के सभी ग्रह दोष दूर हो जाते हैं. बुरा समय टल जाता है, यदि कोई अनहोनी होने वाली हो तो वह भी इस उपाय से टल सकती है. शिवपुराण के अनुसार शिवजी की इच्छा मात्र से इस सृष्टि का निर्माण हुआ है. इसी वजह से भोलेनाथ की प्रसन्नता से सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त हो जाती है.
रात के समय जब घोर अंधेरा रहता है, तब शिवलिंग के समीप प्रकाश करने पर महादेव अतिप्रसन्न होते हैं. सब जैसे प्रयास करने के बाद भी यदि आपका कोई महत्वपूर्ण काम नहीं बन पा रहा है तो सोमवार की रात को घी का दीपक शिवलिंग के समक्ष जलाकर अपनी मनोकामना पूरी करने की भगवान शिव से प्रार्थना करें. इस उपाय के संबंध में शास्त्रों में एक कथा बताई गई है. जानिए शिवलिंग के समीप दीपक लगाने कौन-कौन से चमत्कारी शुभ प्राप्त होते हैं.
शास्त्रों के अनुसार प्राचीन काल कुबेर देव (देवताओं के कोषाध्यक्ष) पूर्व जन्म में चोर थे. वे मंदिरों की धन-संपदा चोरी किया करते थे. एक रात वे भगवान शिव के मंदिर में चोरी करने पहुंच गए. रात होने की वजह से वहां काफी अंधेरा था। अंधेरे में चोर को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था. तब उस चोर ने चोरी करने के लिए एक दीपक जलाया. दीपक के प्रकाश में उन्हें मंदिर की धन संपत्ति साफ-साफ दिखाई देने लगी.
वह चोर मंदिर का सामान चोरी कर ही रहा था कि हवा से दीपक बुझ गया. उस व्यक्ति ने पुन: दीपक जलाया, थोड़ी देर हवा से दीपक फिर बुझ गया और कुबेर ने पुन: दीया प्रज्जवलित कर दिया। यह प्रक्रिया कई बार हुई. रात के समय शिवजी के समक्ष दीपक लगाने पर उनकी असीम कृपा प्राप्त हो जाती है. कुबेर यह बात नहीं जानते थे, लेकिन रात के समय बार-बार दीपक जलाने से भोलेनाथ कुबेर से अति प्रसन्न हो गए.
कुबेर ने चोरी करते समय बार-बार दीपक जलाकर अनजाने में ही शिवजी की पूजा की थी. इसके फलस्वरूप महादेव ने उस चोर को अगले जन्म में देवताओं का कोषाध्यक्ष नियुक्त कर दिया. तभी से कुबेर देव महादेव के परमभक्त और धनपति हो गए. इस कथा के अनुसार जो भी व्यक्ति रात के समय शिव मंदिर में प्रकाश करता है, उसे महादेव की विशेष कृपा प्राप्त हो जाती है.