मेरठ में गैंगस्टर अनिल दुजाना को एसटीएफ ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया है. जानकारी के अनुसार कुख्यात अनिल दुजाना के मेरठ में भोला झाल पर सक्रिय होने की पुख्ता जानकारी होने के बाद एसटीएफ ने उसे चारों ओर से घेर लिया. पुलिस पर फायरिंग करते हुए वह फरार होने की कोशिश कर रहा था. इसी बीच गोली लगने से उसकी मौत हो गई.
अनिल दुजाना पर यूपी समेत अन्य राज्यों में लगभग 50 हत्या, रंगदारी, फिरौती आदि के केस दर्ज हैं. बादलपुर का दुजाना गांव कभी कुख्यात सुंदर नागर उर्फ सुंदर डाकू के नाम से जाना जाता था. उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक को जान से मारने की धमकी दे दी थी. इसी दुजाना गांव का है अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना. पुलिस रिकॉर्ड में 2002 में गाजियाबाद के कवि नगर थाने में इसके खिलाफ हरबीर पहलवान की हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ. मुजफ्फरनगर के रोहाना में भी एक हत्या के मामले में वह शामिल रहा था.
अनिल दुजाना का वेस्ट यूपी में खौफ था. उस पर लूट डकैती हत्या समेत तकरीबन 50 मुकदमे दर्ज थे. मेरठ में एसटीएफ के एसपी बृजेश सिंह के नेतृत्व में टीम ने उसे गंगनहर पर लोकेशन मिलने के बाद घेर लिया, अनिल दुजाना ने एसटीएफ की टीम पर फायरिंग की, जवाबी फायरिंग में वह मारा गया.
कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना पिछले काफी समय से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था, लेकिन कुछ समय पहले वह जमानत पर बाहर आ गया. बताया जाता है कि इसकी जानकारी मॉनिटरिंग सेल द्वारा पुलिस को भेजी गई थी, लेकिन स्थानीय पुलिस ने इसमें संज्ञान नहीं लिया. जेल से बाहर आते ही अनिल दुजाना ने जयचंद प्रधान मर्डर केस में उसकी पत्नी और गवाह संगीता को धमकी दी, जिसके बाद उच्च अधिकारियों ने एक्शन लेते हुए अनिल दुजाना के खिलाफ पिछले सप्ताह में 2 मुकदमे दर्ज किए.