राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति (जीआरसी) की बैठक में चेंबर प्रतिनिधिमंडल ने राज्य जीएसटी आयुक्त (आई.ए.एस.) श्री भीम सिंह से मिलकर जीएसटी सरलीकरण के सम्बंध में सुझाव हेतु ज्ञापन सौंपा.

छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि आज कार्यालय संयुक्त आयुक्त राज्य कर, महात्मा गाँधी सभा गृह सिविल लाईन्स रायपुर में राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति (जीआरसी) की बैठक संपन्न हुई जिसमे विभिन्न व्यापारिक-औद्योगिक संगठनो एवं पदाधिकारियों से प्राप्त सुझावों को लेकर प्रदेश चेंबर अध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में चेंबर प्रतिनिधिमंडल ने राज्य जीएसटी आयुक्त (आई.ए.एस.) श्री भीम सिंह, विशेष आयुक्त श्री टी एल ध्रुव, अपर आयुक्त श्री एच एल हिड़को, श्रीमती नीलिमा तिग्गा, संयुक्त आयुक्त श्री सी आर महिलोंगे, उपायुक्त श्री तरुण किरण, श्री रोशन सिंह, श्री कमल नायक एवं सहायक आयुक्त श्री अरविंद पाण्डेय से मिलकर जीएसटी सरलीकरण हेतु सुझाव के सम्बंध में ज्ञापन सौंपा ।
चेंबर प्रदेश अध्यक्ष श्री पारवानी जी ने बताया कि आज राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति (जीआरसी) की बैठक संपन्न हुई जिसमे चेंबर प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश के व्यापारियों में जीएसटी को लेकर आ रही कानूनी और तकनीकी परेशानियों के सम्बंध में तथा जीएसटी के सरलीकरण एवं युक्तियुक्त करने हेतु श्री भीम सिंह जी को ज्ञापन सौंपा।
व्यापारियों द्वारा प्राप्त जीएसटी से सम्बंधित परेशानियों एवं सुझावों को प्रमुख रूप से चेंबर ने सूचीबद्ध किया।
प्रमुख सुझाव निम्नानुसार है:-

• यदि क्रेता द्वारा क्रय सम्बन्धी सभी दस्तावेज एवं भुगतान सम्बन्धी समस्त प्रमाण दिए जाए तो विभाग द्वारा विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए.
• RMC संबधित प्रावधान.
• इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर 2बी के आधार मान्य होने सम्बन्धी प्रावधान को वापस लिए जाएं.
• जीएसटी प्रणाली में ब्याज की गणना के प्रावधान को बदलने बाबत.
• नियम 86 बी के प्रावधानों को निरस्त किये जाएं.
• पूर्व माह का जीएसटीआर -3बी न जमा होने पर जीएसटीआर -1 जमा करने पर प्रतिबन्ध हटाया जाना चाहिए.
• नियम 21 जीएसटी पंजीकरण का निलंबन/निरस्तीकरण.
• ई-इनवॉइसिंग के 1 अक्टूबर 2022 से रु.10 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों पर लागू किए गए प्रावधान वापस लिए जाने चाहिए.
• E- Invoicing की स्थिति में खरीददार को इनपुट अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए.
• ई-वे बिल की वैधता अवधि में 50 प्रतिशत की कटौती.
• माल के परिवहन एवं ई-वे बिल सम्बंधित समस्याएं.
• छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने एवं वार्षिक विवरण पत्र में संशोधन किए जाने हेतु अवसर प्रदान करने बाबत.
• जीएसटी वार्षिक विवरण के सम्बंध में सुझाव.
• ब्याज, पेनाल्टी एवं विलंब शुल्क से छुट प्रदान करने हेतु .
• रिटर्न सम्बंधित अन्य समस्याएं.
• जीएसटी के प्रावधानों में सुधार हेतु अन्य सुझाव.
• व्यवसाय को राहत देने एवं Ease of Doing हेतु सुझाव.
• जीएसटी की दर में कमी करने हेतु सुझाव.
• एक व्यवसाय एक कर.
• IGST आउटपुट के भुगतान के लिये CGST या SGST इनपुट का उपयोग करने के लिये समान विकल्प दिया जाना चाहिए.
• आंशिक रूप से/बिना नकद भुगतान के फॉर्म जीएसटीआर 3बी जमा करने का विकल्प दिया जाना चाहिए.
• पंजीयन से सम्बंधित समस्याएं.
बैठक में श्री भीम सिंह जी ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए कहा कि प्राप्त सुझावों पर उचित कदम उठाया जायेगा।
इस अवसर पर चेंबर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, उपाध्यक्ष निलेश सेठ, मंत्री शंकर बजाज, दिलीप इसरानी एवं राजेश शर्मा सहित अन्य सदस्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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