न्यायालय में प्रकरण के दौरान महिला का जबरदस्ती ससुराल में घुसकर रहने के प्रकरण में सख्त कार्यवाही आवश्यक।

रायपुर. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य डॉ. अनिता रावटे एवं अर्चना उपाध्याय, बालो बघेल ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग कार्यालय रायपुर मे महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 171 वीं जन सुनवाई हुई। रायपुर की आज की जनसुनवाई में कुल 25 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे।

आज के सुनवाई में एक प्रकरण में दोनों पक्षों का विस्तृत काउंसलिंग किया गया दोनों पक्षों को विस्तार से सुना गया। समक्षाईश दिया गया परिवार में बैठकर आपस में चर्चा कर लें कि विवाह को बचाना है या तलाक लेना है। काउंसलर के मदद से अपने -अपने शर्ते लिखवा कर प्रस्तुत करें उसके पश्चात केवल एक ही बिंदु पर प्रकरण को सुना जाएगा।

अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना गया और काउंसलिंग कराई गई जिससे उनके साथ रहने की संभावना है। आवेदिका को माता-पिता, भाई के साथ एवं अनावेदक को अपने माता-पिता के साथ 10/05/2023 को 100-100 रू. का स्टाम्प पेपर के साथ उपस्थित होने के लिए बोला गया। ताकि दोनों के शर्तों को लिखा जा सके, काउंसलर निगरानी करेंगे।अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों को आरंभिक तौर पर सुना गया अवेदिका को अनावेदक को आवेदन की प्रति उपलब्ध कराया जाए ताकि अनावेदक 15 दिवस के भीतर उत्तर प्रस्तुत कर सके। प्रकरण आगामी सुनवाई में रखा जाए।

अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों का काउंसलिंग कराया गया। आवेदिका गर्भवती है डिलीवरी तक मायके में रहना चाहती है। अनावेदक डिलीवरी तक अवेदिका के मायके में रह सकता है। अथवा आना-जाना कर दवाई आदि का खर्च देगा। बच्चे के डिलीवरी के पश्चात प्रकरण को आवश्यक पड़ने पर पुनः सुना जाएगा। प्रकरण नस्तीबध्द किया जाएगा।

दोनों पक्ष को समझा दिया गया। आवेदिका, अनावेदक के साथ नहीं रहना चाहती और अनावेदक उसे साथ रखना चाहता है। आवेदिका 6 माह से अलग अपने मायके में रह रही है अनावेदक उसे मारपीट करता है इसलिए आवेदिका अपने 4 साल के बच्चे के साथ अपने मायके में रह रही है आवेदिका बच्चे का पालन पोषण बचपन से कर रही है उसको बीमारी का इलाज अपने पैसे से कर रही है ऐसी स्थिति में यदि उभय पक्ष चाहे तो आपसी राजामंदी से तलाक ले सकते हैं। इस स्तर पर प्रकरण नस्तीबध्द किया जाता है।

अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित अनावेदक गण अनुपस्थित आवेदिका ने बताया कि अनावेदिका उसकी मां है जो 3 साल से अपने मायके में रह रही थी। अनावेदिका के पिता और उसकी मां के बीच विभिन्न न्यायालयों में पारिवारिक विवाद के प्रकरण दर्ज है इसके बावजूद अप्रैल माह में को अनावेदिका अचानक आवेदिका के घर में जबरदस्ती घुस कर रहने लगी है जिससे पूरा परिवार प्रताड़ित है और इस डर से घर छोड़कर बाहर रह रहे हैं। आयोग में सुनवाई के लिए प्रकरण प्रस्तुत किया गया था जिसमें अनावेदिका को उपस्थित होना था परंतु वह जानबूझकर अनुपस्थित है आयोग के द्वारा सूचना भेजी गई है और टेलीफोनिक सूचनाथाने के माध्यम से भी सूचना भेजी गई है पर अनावेदिका ने आयोग में उपस्थिति से इंकार कर दिया इस तथ्य का पता चलने पर आयोग की ओर से फोन लगा कर अनावेदिका को सूचना दिया गया जिस पर अनावेदिका ने आयोग में आने से इंकार कर दिया एक अन्य अनावेदिका को टेलीफोन सूचना दिए जाने पर उसने भी आने से इंकार कर दिया इस स्तर पर आवेदिका की दादी ने एक आवेदन आयोग में प्रस्तुत किया है जिसकी फोटो प्रति प्रस्तुत किया गया है आवेदिका और उसका पति उसी मकान में नीचे के कमरों में निवास करते हैं और अनावेदिका के जबरन घर में घुस जाने से तनावग्रस्त हैं वृद्ध आवेदिका के आवेदन के संदर्भ में इस प्रकरण की शीघ्र सुनवाई के लिए अनावेदिका की उपस्थिति सुनिश्चित किए जाने के लिए थाना प्रभारी राजेंद्रनगर को आज के आर्डर शीट की छाया प्रति भेजी जाती है। ताकि वह दो महिला आरक्षक के साथ अनावेदिका को आवश्यक रूप से आयोग में उपस्थित रखें। इसी तरह आज के सुनवाई में कुल 6 प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया है।

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