ओवेरियन कैंसर के लक्षण क्यों नहीं दिखाई देते? जानें किन महिलाओं को है ज्यादा रिस्क

ओवेरियन कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो अंडाशय में पैदा होता है और महिलाओं के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है. ओवेरियन कैंसर से पीड़ित कई महिलाओं में किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं होता है. यह स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के बाद भारत में महिलाओं में तीसरा सबसे आम कैंसर है, जो किसी भी अन्य स्त्री रोग संबंधी कैंसर की तुलना में ज्यादा घातक है. ओवेरियन कैंसर के शुरुआती स्टेज के दौरान लक्षणों को महसूस न होना इसको डायग्नोस करने में बाधाएं पैदा कर सकता है. शुरुआती पहचान से जुड़ी चुनौतियों को दूर करने के लिए जागरुकता की जरूरत होती है. महिलाओं के बीच जागरूकता बढ़ाना और हेल्थ सर्विस तक पहुंच में सुधार करना जरूरी है.

क्यों ओवेरियन कैंसर के लक्षणों का अनुभव नहीं होता?

1. हिडन लोकेशन: ओवरीज पेल्विस के भीतर होते हैं, जिसकी वजह से छोटे ट्यूमर बड़े होने या फैलने तक किसी का ध्यान नहीं जाता है.

2. दूसरी समस्याओं की तरह दिखना: ओवेरियन कैंसर पेल्विस ऑर्गन्स जैसे कि ब्लैडर या मलाशय में फैल सकता है, जिससे लक्षण गलती से अन्य कंडिशन से जुड़े होते हैं.

3. कोई खास लक्षण न दिखना: पेट फूलना, पेल्विक दर्द और इसी तरह के लक्षण ओवेरियन कैंसर के लिए विशेष नहीं हैं और अलग-अलग कारणों से जिम्मेदार हो सकते हैं.

4. सबटाइप वेरिएंशन: ओवेरियन कैंसर के कुछ सबटाइप, जैसे जर्म सेल ट्यूमर या स्ट्रोमल ट्यूमर बिना लक्षणों के हो सकते हैं.

ओवेरियन कैंसर के लिए रेगुलर स्क्रीनिंग जरूरी

ओवेरियन कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने और प्रभावी मैनेजमेंट में नियमित जांच एक बड़ी भूमिका निभाती है. शुरुआती स्टेज में ओवेरियन कैंसर के डायग्नोस से जुड़ी चुनौतियों को देखते हुए नियमित स्त्री रोग संबंधी जांच और डॉक्टरों द्वारा पेल्विस स्क्रीनिंग करने के लिए लक्षणों के प्रकट होने से पहले रोग की पहचान करने के लिए बड़ा हथियार हैं.

ओवेरियन कैंसर के लिए सबसे आम स्क्रीनिंग टेस्ट में एक रेक्टोवागिनल पेल्विक एग्जाम और एक सीए-125 ब्लड टेस्ट शामिल हैं. ये टेस्ट अस्पष्ट संकेतों या लक्षणों के पीछे के कारण को समझने में मदद करते हैं. इसी तरह ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड असामान्यताओं का पता लगा सकते हैं. बीआरसीए 1, बीआरसीए 2, या बेमेल रिपेयर जीन रिपेयर म्यूटेशन जैसे विरासत में मिले जोखिमों वाली महिलाओं के लिए स्क्रीनिंग की सिफारिश की जाती है.

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ओवेरियन कैंसर के हाई रिस्क में कौन है?

ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर या कोलोरेक्टल कैंसर के पारिवारिक इतिहास वाली महिलाएं, एंडोमेट्रियोसिस, कैंसर, या बीआरसीए 1 या बीआरसीए 2 जैसे जेनेटिक म्यूटेशन के इतिहास वाली महिलाएं, जो मोटापे से ग्रस्त हैं, जो धूम्रपान करती हैं वे सभी ओवेरियन कैंसर के हाई रिस्क में हैं.
ओवेरियन कैंसर के ट्रीटमेंट ऑप्शन

ओवेरियन कैंसर के उपचार के विकल्पों में सर्जरी, कीमोथेरेपी या दोनों शामिल हैं. अगर किसी व्यक्ति को ओवेरियन कैंसर के शुरुआती वार्निंग साइन मिलते हैं, तो डायग्नोस और उपचार के लिए शीघ्र मेडिकल सुविधा जरूरी है.

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