19 मई को भारतीय रिजर्व बैंक ने 2 हजार के नोटों को वापस लेने की योजना की घोषणा की थी। आरबीआई की घोषणा के बाद से तेल, सोने और चांदी के आभूषणों की खरीदारी में वृद्धि की खबरें आई हैं। हालाँकि इस बार लोगों में डर या घबराहट की स्थिति नहीं दिख रही है। लोकल सर्कल की ओर से किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि देश में 3 में से दो लोग 2 हजार के नोट वापस लेने के फैसले का समर्थन करते हैं।
57 हजार लोगों पर सर्वे, 64 फीसदी ने किया समर्थन
लोकल सर्कल की ओर से पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण किया है कि नागरिक इस नए आर्थिक विकास को कैसे देखते हैं और क्या छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों को 2000 रुपये के नोट को वापस लेने के कारण कोई दिक्कत है। देशभर के 341 जिलों 57,000 से अधिक लोगों ने इस सर्वे में हिस्सा लिया। सर्वे के अनुसार 64 फीसदी लोग आरबीआई के कदम का समर्थन कर रहे हैं। 22 फीसदी लोग ही 2 हजार रुपए के नोट वापस लेने का विरोध कर रहे हैं। 12 फीसदी ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता जबकि 2 प्रतिशत लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया।
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64 फीसदी लोगों के पास 2 हजार के नोट नहीं
सर्वेक्षण में शामिल 64 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके पास 2000 रुपये के नोट नहीं हैं। 6 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके पास 2000 रुपए के नोट 1 लाख रुपए या उससे अधिक के हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि 15 प्रतिशत लोगों के पास 20,000 रुपये तक हैं, जबकि 7 फीसदी लोगों के पास 20-40 हजार रुपए तक 2 हजार के नोट हैं। 2 फीसदी लोग 2 हजार के नोटों के बारे में जानकारी देना नहीं चाहते।
30 सितंबर के बाद भी लीगल टेंडर रहने से कालेधन वालों को फायदा
सर्वे में शामिल 68 फीसदी लोग मानते हैं कि 30 सितंबर के बाद 2000 रुपये के नोट का लीगल टेंडर बने के आरबीआई के प्रस्तावित फैसले से काले धन वालों को फायदा मिलेगा। सिर्फ 14 फीसदी लोग ही मानते हैं वे इसके इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। कुल मिलाकर, अधिकांश लोगों का मानना है कि आरबीआई का फैसला कालेधन वालों को फायदा पहुंचाएगा।
सर्वे के आंकड़े
2 हजार के नोट वापसी पर राय
समर्थन 64%
विरोध 22%
कोई फर्क नहीं 12%
नहीं कह सकते 2%
2 हजार के कितने नोट हैं लोगों के पास
एक भी नहीं 64%
20 हजार रुपए तक 15%
20-40 हजार रुपए तक 7%
40 हजार से 1 लाख तक 6%
1 लाख से 2 लाख तक 2%
2 लाख से 10 लाख तक 2%
10 लाख से अधिक 2%
नहीं बताना 2%
आरबीआई की घोषणा के बाद 2 हजार के नोट खर्च में कहां दिक्कतें हुईं
पेट्रोल पंप 6%
ज्वेलर्स 4%
दवा दुकान 13%
खुदरा दुकान 15%
अस्पताल 9%
सेवा प्रदाता 9%
ऑनलाइन सीओडी 4%
अन्य 13%