छत्तीसगढ़ के सरकारी खजाने को भरने के लिए शराब का व्यापार एक बहुत ही बड़ा व्यापार है आए दिन इस व्यापार से सरकार को करोड़ों रुपए का मुनाफा होता है शायद यही कारण है कि हाथ में गंगाजल लेकर कसम खाने वाली कांग्रेस की सरकार आज तक शराब के इस व्यापार को बंद कराने में असफल रही है।
वही अब शराब के इस व्यापार में घोटाले की दीमक ने अपने पैर पसार लिए है। बैक टू बैक ईडी की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने शराब के बड़े व्यापारियों के कमर तोड़ रखे हैं ईडी के अनुसार छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के शराब घोटाले किए गए हैं वहीं इस घोटाले में संलिप्त कई बड़े राजनेता व व्यापारियों को ईडी ने हिरासत में भी लिया है। ईडी की इस कार्रवाई में राजनेता या व्यापारी ही नहीं बल्कि आबकारी के कई बड़े अधिकारी भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार ईडी की कार्रवाई देख कई आबकारी अधिकारी मेडिकल लीव पर चले गए हैं।
लेकिन शराब दुकान संचालकों का मनमर्जी कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। आबकारी नियम के अनुसार जहां शराब कोचियाओं को देने की अनुमति नहीं दी गई है। तो वहीं आबकारी विभाग के कुछ अधिकारियों की मदद से शराब दुकान संचालक अपना जेब गर्म करने की मकसद से कोचियाओं को भी शराब दे देते हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो बीते दिन रायपुर के कमल विहार स्थित देशी शराब दुकान से देशी मसाला 48 नग तकरीबन 5280 रुपये की शराब को दुकान के सेल्समैन द्वारा शराब कोचिया को बेचा गया था।
सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची माना थाना के पुलिस कर्मियों द्वारा सेल्समैन व शराब कोचिया को गिरफ्तार कर लिए गया। बता दें कि शराब का यह दुकान आबकारी एडीओ अनिल मित्तल के अंडर में आता हैअब देखना ये है कि इस देशी शराब दुकान पर कोई करवाई होती हैं या फिर इसे भी हिदायत देकर छोड़ दिया जायेगा विशेष सूत्रों के हवाले से यह भी जानकारी मिली है कि रायपुर के कई शराब दुकान में ओवन रेट चल रहा है देखना यह है कि आबकारी विभाग इस पर क्या एक्शन लेती है