गोरखपुर. किचन में अरहर की दाल जहां पतली हो गई है, वहीं हाईवे के ढाबों में दाल फ्राई अचानक महंगी हो गई है। पिछले एक पखवाड़े में दाल की कीमतों में 30 रुपये प्रति किलो तक की बढ़ोतरी हो गई है। राहत की बात यह है कि चना और मटर की दाल की कीमतें फिलहाल काबू में हैं। वहीं आटा और मैदे की कीमतें गेहूं गोखके सीजन में भी काफी अधिक हैं।
महेवा गल्ला मंडी में 15 मई को थोक में दाल की कीमतें 105 से लेकर 125 रुपये किलो तक थीं। वहीं सोमवार को दाल की कीमतें 110 से 140 रुपये तक पहुंच गई हैं। फुटकर में अरहर की दाल की कीमतें 135 से 150 रुपये तक पहुंच गई हैं। पैकेट वाली ब्रांडेड अरहर दाल की कीमत 160 से 170 रुपये किलो तक है। हजारीपुर में गल्ले के कारोबारी अनिल गुप्ता का कहना है कि ‘दाल की कीमतों में रोज बढ़ोतरी हो रही है। जो दाल 15 दिन पहले 120 रुपये में बेच रहे थे, उसकी कीमत 145 रुपये प्रति किलो हो गई है।’
गल्ला कारोबरी महेश अग्रवाल का कहना है कि ‘म्यांमार से अरहर और उड़द इंपोर्ट करने वाले कारोबारी दाल मंगाने की जगह वहीं स्टाक कर रहे हैं। मोटे मुनाफे के इस खेल के चलते कीमतें बढ़ रही हैं। देश में बेमौसम बारिश से दाल की फसल खराब हुई है। सरकार ने पहल नहीं की तो कीमतें 200 रुपये प्रति किलो तक जा सकती हैं।’ रेलवे स्टेशन में रेस्टोरेंट कारोबारी विशाल श्रीवास्तव का कहना है कि ‘कीमतें बढ़ने के बाद भी दाल फ्राई की कीमतें नहीं बढ़ाई गई हैं। ऐसी ही स्थिति रही तो कीमत बढ़ाना मजबूरी होगी।’ सहजनवां में ढाबे का संचालन करने वाले महेन्द्र मौर्या का कहना है कि ‘दाल की कीमत प्रति प्लेट पांच रुपये बढ़ानी पड़ी है।’
नए और पुराने गेंहू के आटे में पांच रुपये किलो का अंतर गेंहू का सीजन अभी चल रहा है, लेकिन आटे की कीमतों में नरमी नहीं दिख रही। छोटे किसान भले गेंहू बेच रहे हों लेकिन बड़े किसानों का गेंहू स्टोर हो रहा है।
चना और मटर की दाल के भाव नरम
अरहर की दाल में भले ही आग लगी हो लेकिन चना और मटर की दाल की कीमतें काफी हद तक काबू में है। मटर की दाल थोक में 46 से 48 रुपये तो चने की दाल थोक में 59 से 62 रुपये प्रति किलो तक है। कैटरिंग का काम करने वाले संजय गुप्ता का कहना है कि ‘अरहर की दाल की महंगाई के कारण लोग विवाह में मिक्स दाल बनवा रहे हैं। चना दाल भी लोग पसंद कर रहे हैं।’