इस्लामाबाद. इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में हुई हिंसा उनकी गले का फांस बन गई है। उनकी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उनका साथ छोड़ चुके हैं। वहीं इमरान खान पर भी फांसी और उम्रकैद का खतरा मंडरा रहा है। पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने मंगलवार को कहा कि इमरान खान पर मिलिट्री कोर्ट में केस चलेगा। 9 मई को इमरान की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा में सैन्य ठिकानों पर भी उनके समर्थकों ने हमला कर दिया था। इस हिंसा में कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई थी।
प्रदर्शनकारियों ने लाहौर में कॉर्प्स कमांडर के आवास पर हमला कर दिया था। इसके अलावा रावलपिंडी में जनरल हेडक्वार्टर के गेट को गिरा दिया था। इसके बाद सेना ने भी इसपर कड़ी कार्रवाई की और कई लोगों को गिरफ्तार किया। पीटीआई के कई नेता भी गिरफ्तार हो गए। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि इमरान खान ने सेना के ठिाकनों पर हमला करवना की साजिश रची थी। बता दें कि इमरान खान की पार्टी के 30 से ज्यादा नेता उनका साथ छोड़ चुके हैं। इसमें कई पूर्व मंत्री भी शामिल हैं।
सनाउल्लाह ने इमरान खान के बारे में कहा, पीटीआई के समर्थक यही चिल्ला रहे थे कि इमरान के ही इशारे पर हिंसा की गई। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने पहले ही सबकी जिम्मेदारी तय कर दी थी। जेल जाने से पहले ही फैसला कर लिया गया था कि कौन कहां क्या करेगा। इससे एक दिन पहले ही रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि इमरान खान पर सैन्य कानून के तहत केस दर्ज करने की कोई योजना नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा था कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि उन्होंने 9 मई की हिंसा की प्लानिंग नहीं की। इमरान खान ने शहबाज सरकार और सेना पर हमला करना कम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सरकार शांतिपूर्ण विरोध और संवैधानिक अधिकार प्रयोग करने के लिए देश में इस तरह कभी महिलाओं को प्रताड़ित नहीं किया गया।