Tobacco addiction : हर साल की तरह इस बार भी ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाया जाएगा. इस दिन का उद्देश्य लोगों को तंबाकू से जुड़ी बीमारियों के बारे में समझाना और जागरुक करना होता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने तंबाकू को मुंह के कैंसर की प्रमुख वजह बताई है. इसलिए स्वास्थ्य संगठनों द्वारा तंबाकू खाने को लेकर लगातार चेतवानी दी जाती है. आज इस लेख में हम तंबाकू से जुड़ी एक अहम जानकारी देने वाले हैं जिससे आपको पता लग जाएगा कि इसमें ऐसा क्या होता है जिससे इसकी लत लग जाती है और छोड़ना मुश्किल होता है.
तंबाकू में क्या होता है जिससे लग जाती है लत
दरअसल, तंबाकू में निकोटीन नाम का एक नशीला पदार्थ होता है, जो डोपामाइन नाम के हार्मोन को रिलीज करता है शरीर में, जिससे आपको खुशी महसूस होती है. इसको दिमाग तक पहुंचने में 10 सेकेंड का समय लगता है. इसलिए जो लोग बहुत तनाव में होते हैं सीग्रेट और तंबाकू का सेवन ज्यादा करते हैं.
आपको बता दें कि तंबाकू खाने से ना सिर्फ गले, मुंह का कैंसर होता है बल्कि इससे फेफड़े भी बुरी तरह से खराब हो जाते हैं. इसके अलावा तंबाकू दिल से जुड़ी बीमारियों, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, दिमागी दौरा, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ाने का भी काम करता है.
विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास
आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ संगठन (World health Organization – who) ने 1987 में इससे होने वाली जानलेवा बीमारियों को ध्यान में रखकर इस दिन को मनाने का फैसला किया. पहली बार नो टोबैको डे 7 अप्रैल 1988 को मनाया गया था. इसके बाद 31 मई 1988 को WHO42.19 प्रस्ताव पास होने के बाद से हर साल 31 मई को मनाया जाने लगा गया.