नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए आज जानकारी दी कि सरकार ने सहकारिता क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े भंडारण योजना को मंजूरी दी है. ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार के 9 साल सफलता से पूरे होने पर सभी कैबिनेट मंत्रियों ने आज कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी जताया.
अनुराग ठाकुर ने बताया कि अभी देश में 1450 लाख टन खाद्यान्न के भंडारण की क्षमता है. उन्होंने कहा कि अब 700 लाख टन भंडारण की क्षमता सहकारिता क्षेत्र में शुरू होगी. इसके तहत प्रत्येक प्रखंड में 2,000 टन क्षमता के गोदाम बनाये जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में भंडारण क्षमता बढ़ाकर 2,150 लाख टन की जाएगी. यह क्षमता सहकारी क्षेत्र में बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में एक अंतर मंत्रालयी समिति का गठन होगा. इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के बेसिस पर पहले 10 जिलों में लागू किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इस पर एक लाख करोड़ रुपए का खर्च होगा. इस योजना की मदद से भंडारण की कमी की वजह से जो अनाज की बर्बादी होती थी वह भी रुकेगी.
इसके साथ ही अनुराग ठाकुर ने कहा कि जिन किसानों को कई बार भंडारण न मिलने की वजह से अपनी उपज को औने-पौने दाम पर बेचना पड़ता था अब वह भी नहीं करना होगा. सरकार की इस योजना से किसानों को सबसे ज्यादा लाभ होगा.
उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य भंडारण सुविधाओं की कमी से अनाज को होने वाले नुकसान से बचाना, किसानों को संकट के समय अपनी उपज औने-पौने दाम पर बेचने से रोकना, आयात पर निर्भरता कम करना तथा गांवों में रोजगार के अवसर सृजित करना है. मंत्री ने कहा कि अधिक भंडारण क्षमता से किसानों के लिये परिवहन लागत कम होगी और खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी.
देश में सालाना करीब 3,100 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होता है. लेकिन मौजूदा क्षमता के तहत गोदामों में कुल उपज का 47 प्रतिशत तक ही रखा जा सकता है.
अनुराग ठाकुर ने इस मौके पर मोदी सरकार उपलब्धि गिनाते हुए कहा कि 3.50 करोड़ से ज्यादा मकान बनाकर गरीबों को दिए गए. 9.60 गैस सिलिंडर कनेक्शन महिलाओं को दिए गए, 12 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए गए , हर घर को नल से जल में 12 करोड़ कनेक्शन लगाए गए, 60 करोड़ लोगों को इलाज की व्यवस्था की .