सांता क्लारा (अमेरिका): आगामी आम चुनाव में विपक्षी एकजुटता के महत्व को रेखांकित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रवासी भारतीयों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि विपक्ष ‘‘ठीक से एकजुट” हो जाए तो केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराया जा सकता है. राहुल गांधी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का हवाला देते हुए कहा कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर इस संबंध में काम कर रही है और “इस पर सही दिशा में आगे बढ़ रही है.”
सांता क्रूज में मंगलवार को कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सिलिकॉन वैली कैंपस में एक कार्यक्रम में संचालक और दर्शकों के सवालों का जवाब देते हुए गांधी ने कहा कि भाजपा की “कमजोरियां” उन्हें साफ नजर आती हैं.
उन्होंने कहा, “एक राजनीतिक उद्यमी के रूप में, मैं स्पष्ट रूप से भाजपा की कमजोरियां को देख सकता हूं … अगर विपक्ष ठीक से गठबंधन करता है तो भाजपा को हराया जा सकता है. अगर आप कर्नाटक चुनाव देखें तो सामान्य समझ यह है कि कांग्रेस पार्टी ने भाजपा को टक्कर दी और उसे हराया. लेकिन जो बात अच्छी तरह से नहीं समझी गयी वह, वो तरीका है जिनका हमने इस्तेमाल किया.”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से अलग दृष्टिकोण अपनाया, कर्नाटक में जीत की नींव ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के जरिए रखी गई.
कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में, कांग्रेस ने 135 सीट जीती थीं, जबकि भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमशः 66 और 19 सीट पर जीत हासिल की थी.
राहुल गांधी ने कहा कि कर्नाटक चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के मुकाबले 10 गुना ज्यादा धन खर्च किया था. उन्होंने कहा कि देश को 2024 के आम चुनाव में एकजुट विपक्ष के अलावा, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए एक वैकल्पिक दृष्टिकोण की भी जरूरत है.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘जहां तक विपक्षी एकता की बात है, हम इस दिशा में काम कर रहे हैं और यह सही दिशा में आगे बढ़ रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि भाजपा को हराने के लिए विपक्षी एकता से कहीं ज्यादा की जरूरत है. मेरी राय में सिर्फ विपक्ष की एकता काम करने के लिए काफी नहीं होगी. मुझे लगता है कि आपको भाजपा के लिए एक वैकल्पिक दृष्टिकोण की जरूरत है.”
उन्होंने कहा, ‘‘ ‘भारत जोड़ो’ यात्रा इस तरह का दृष्टिकोण बनाने की दिशा में पहला कदम था. यह वह दृष्टिकोण है जिससे सभी विपक्षी दल जुड़े हैं. कोई भी विपक्षी दल ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के विचार से असहमत नहीं होगा.”
‘भारत जोड़ो’ यात्रा, भारत को एकजुट करने के मकसद से गांधी के नेतृत्व में चलाया गया जन आंदोलन था. यात्रा सात सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से शुरू होकर 12 राज्यों से होते हुए 31 जनवरी 2023 को जम्मू-कश्मीर में समाप्त हुई.
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि विपक्ष को एक साथ लाना महत्वपूर्ण है, लेकिन विपक्ष को साथ लाना और भारत के लोगों को यह समझाना भी जरूरी है कि विपक्षी दलों का यह सिर्फ एक समूह नहीं है, बल्कि देश को आगे बढ़ाने का एक प्रस्तावित तरीका है और हम उन चीजों पर काम कर रहे हैं.”
एक सवाल के जवाब में केरल के वायनाड के पूर्व सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष करेंगे.
अपने संबोधन में गांधी ने भारत में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लोगों को ‘‘धमकाने” तथा देश की एजेंसियों का ‘‘दुरुपयोग” करने का आरोप भी लगाया.
गांधी ने कहा, ‘‘भाजपा लोगों को धमका रही है और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. ‘भारत जोड़ो’ यात्रा इसलिए शुरू की गई क्योंकि लोगों से जुड़ने के लिए हमें जिन साधनों की जरूरत थी, उन सभी पर भाजपा- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नियंत्रण है.”
उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी महसूस कर रहे थे कि राजनीतिक रूप से कार्य करना काफी कठिन हो गया है. इसलिए हमने भारत के सबसे दक्षिणी सिरे से लेकर श्रीनगर तक पदयात्रा का फैसला किया.”
गांधी ने कहा कि स्नेह, सम्मान और विनम्रता की भावना से यात्रा की गई.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई इतिहास को पढ़ेगा तो पाएगा कि गुरु नानक देव जी, गुरु बसवन्ना जी, नारायण गुरु जी सहित सभी आध्यात्मिक नेताओं ने देश को एक समान तरीके से एकजुट किया.”
गांधी ने कहा कि भारत वह नहीं है जो मीडिया में दिखाया जा रहा है, जो एक ऐसे राजनीतिक विमर्श को बढ़ावा देना पसंद करता है जो वास्तविकता से बहुत दूर है.
उन्होंने कहा कि चीजों को ‘‘बहुत तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है.”
गांधी ने कहा, ‘‘यात्रा में मेरे लिए यह बहुत स्पष्ट हो गया कि इन चीजों को दिखाना मीडिया के हित में है, जिनसे भाजपा को मदद मिलती है. इसलिए यह मत सोचिए कि मीडिया में आप जो कुछ भी देखते हैं वह सच है.”
उन्होंने कहा, ‘‘भारत वह नहीं है जो मीडिया दिखाता है. मीडिया को एक विशेष कहानी दिखाना पसंद है. वह एक ऐसी राजनीतिक कहानी को बढ़ावा देना पसंद करता है जिसका भारत की वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है.”
गांधी ने कहा कि आज भारत में गरीब और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय एक-दूसरे से नफरत करने में विश्वास नहीं करते. कुछ लोगों का एक छोटा समूह है जो व्यवस्था और मीडिया को नियंत्रित करता है, वह नफरत की आग भड़का रहा है.”
महिला आरक्षण विधेयक पर कांग्रेस के रुख के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘ये एकदम स्पष्ट है. हम विधेयक को पारित कराने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. हमें महिलाओं को राजनीतिक व्यवस्था, व्यवसायों और देश चलाने में उनका उचित स्थान देना होगा.”
कांग्रेस नेता अमेरिका के तीन शहरों की यात्रा के लिए मंगलवार को यहां पहुंचे. इस दौरान वह भारतीय प्रवासियों से बातचीत करने के साथ ही अमेरिकी सांसदों से मुलाकात करेंगे.
अमेरिका यात्रा के दौरान राहुल गांधी को अमेरिकी आव्रजन प्रणाली की समस्या का प्रत्यक्ष अनुभव हुआ. अमेरिकी हवाई अड्डों पर कर्मचारियों की कमी के कारण उन्हें एअर इंडिया की उड़ान में अपने अन्य सह-यात्रियों के साथ करीब दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा.
इस दौरान लोग उनके साथ तस्वीर लेते और उनसे सवाल पूछते नजर आए. उन्हें सैन फ्रांसिस्को हवाई अड्डे पर अन्य यात्रियों के साथ बातचीत करते हुए भी देखा गया.
‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पिछले हफ्ते कहा था कि गांधी की यात्रा का मकसद ‘‘वास्तविक लोकतंत्र” के साझा मूल्यों और दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है.