मुख्यमंत्री द्वारा गांवों में 6 से 17 जुलाई तक ‘रोका-छेका’ करने की अपील

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों, किसानों, सरपंचों, ग्राम पटेलों, गौठान समितियों और अधिकारियों से गांव में 6 जुलाई से 17 जुलाई तक ‘रोका-छेका’ करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मानसून के आगमन के साथ गांवों में बोनी और रोपा का काम भी शुरू हो गया है। ऐसे में फसलों की रखवाली भी जरूरी है। अब ‘रोका-छेका’ का समय आ गया है। ‘रोका-छेका’ से आवारा मवेशियों से फसलों को बचाने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने ‘रोका-छेका’ के लिए गांवों में मुनादी कराने तथा गौठानों में पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था कराने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि के वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में 18 करोड़ 47 लाख रूपए की राशि का ऑनलाईन अंतरण किया। इस राशि में 15 जून से 30 जून तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए 2.52 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 5.05 करोड़ रूपए, गौठान समितियों को 7.79 करोड़ रूपए और महिला समूहों को 5.53 करोड़ रूपए की लाभांश राशि वितरित की गई।
मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को इस माह की 17 तारीख को आ रहे हरेली त्यौहार की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने किसानों से धान के साथ-साथ खरीफ की अन्य फसलों का रकबा बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ में सभी फसलों का अच्छा मूल्य मिल रहा है। किसानों को धान के अलावा खरीफ की अन्य फसलें भी लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद-बीज की कमी नहीं होने दी जाएगी, हमारे गौठानों में भी पर्याप्त मात्रा में जैविक खाद उपलब्ध है। उन्होंने इस मौके पर किसानों को खरीफ सीजन में ज्यादा से ज्यादा जैविक खाद और जैविक कीटनाशक का उपयोग करने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कई इलाकों में अच्छी बारिश हो रही है। बोनी का काम शुरु हो गया है, बीजों का चयन किस तरह करना है, इसके बारे में आप लोगों को ज्यादा बताने की जरूरत नहीं है। तब भी मैं कहना चाहूंगा कि कृषि विभाग से मार्गदर्शन लेते रहें, क्योंकि अनुभव के साथ विज्ञान के मेल से और भी अच्छे परिणाम मिलते हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश में 03 लाख 33 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसल की बोनी हो चुकी है। इस सीजन के लिए 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर में बोनी का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहलाता रहा है। पिछले खरीफ मार्केटिंग सीजन में छत्तीसगढ़ ने केंद्रीय पुल में न सिर्फ सबसे ज्यादा योगदान दिया था, बल्कि देशभर में धान बेचने वाले कुल किसानों में छत्तीसगढ़ के किसानों की संख्या सबसे ज्यादा थी। पिछले साल 107 लाख 53 हजार मीटरिक टन धान खरीदा था। लगभग 24 लाख किसानों ने धान बेचा था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल भी हरेली उत्साहपूर्वक मनायी जाएगी। राज्य शासन द्वारा आम नागरिकों के लिए गेड़ी की खास व्यवस्था की जा रही है। वन विभाग द्वारा और स्व-सहायता समूहों द्वारा गेड़ियां बनाकर बेची जाएगी। इन गेड़ियों को वन विभाग के कार्यालय से, सी-मार्ट से और गौठानों से कोई भी नागरिक निर्धारित शुल्क देकर खरीद सकता है।
गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को आज वितरित राशि को मिलाकर अब तक 507.14 करेाड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। इसमें से गोबर विक्रेताओं को 247.12 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। गौठान समितियों तथा स्व-सहायता समूह को अब तक 244.95 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। छत्तीसगढ़ में 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। राज्य में 30 जून 2023 तक गौठानों में 123.56 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। प्रदेश के 5959 स्वावलंबी गौठानों द्वारा अब तक 64.61 करोड़ रुपए का गोबर अपने संसाधनों से खरीदा गया है। गोबर खरीदी के एवज में आज जारी 5.05 करोड़ रुपए की राशि मे से स्वावलंबी गौठनों द्वारा 2.92 करोड़ रुपए तथा कृषि विभाग द्वारा 2.13 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। 5419 गौठान 30 क्विंटल से ज्यादा गोबर की खरीदी कर रहे हैं।
गौठानों में महिला समूहों को आय मूलक गतिविधियों से अब तक 158 करोड़ 42 लाख रूपए की आय हो चुकी है। राज्य में गौठानों से 17,486 महिला स्व-सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 2,05,817 है। गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत एवं प्राकृतिक पेंट सहित अन्य सामग्री का भी उत्पादन किया जा रहा है। गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज पिंगुआ, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री प्रसन्ना आर., विशेष सचिव कृषि डॉ. अय्याज एफ. तम्बोली, संचालक कृषि श्रीमती रानू साहू, अपर मुख्य प्रधान वन संरक्षक श्री अरुण कुमार पाण्डेय, रीपा के राज्य नोडल अधिकारी श्री गौरव सिंह, एनआरएलएम की राज्य नोडल अधिकारी श्रीमती पदमिनी भोई, संचालक पशुधन श्रीमती चन्दन संजय त्रिपाठी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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