नई दिल्ली: बुढ़ापे में नियमित आए सुनिश्चित कैसे हो ताकि नौकरी के बाद का जीवन भी आराम से कट जाए, यह चिंता प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों से लेकर बिजनेस करने वाले सभी को होती है. समाज में बूढ़े लोगों की जिम्मेदारी समाज के साथ-साथ सरकार की होती है. सरकार ने इस चिंता का समाधान करने के लिए कई बार अनेकों प्रयास किए हैं. इस उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा सभी नागरिकों के लिए नई पेंशन प्रणाली या कहें नेशनल पेंनशन योजना (एनपीएस) शुरू की गई. इसे पेंशन फंड के नियामक के रूप में पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए Pension Fund Regulatory and Development Authority PFRDA) द्वारा संचालित किया जाता है. एक बार अभिदाता(ओं) यानि योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति की आयु 60 वर्ष पूरी हो जाने के पश्चात्, वृद्धावस्था में पेंशन के रूप में आय सुरक्षित करता है.
बता दें कि पीएफआरडीए (पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण) की पेंशन प्रणाली के तहत एनपीएस (New Pension Scheme NPS) एक स्वैच्छिक योजना है, जो 18-60 वर्ष के आयु वर्ग के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है. यूपीए सरकार द्वारा इस योजना को 01.05.2009 से लागू किया गया था. एनपीएस (National Pension System) योजना का उद्देश्य लंबी अवधि में बाजार संचालित रिटर्न के साथ वृद्धावस्था में पेंशन प्रदान करना है.
क्या है एनपीएस योजना
एनपीएस योजना को बैंक की नामित शाखाएं यानी प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस-सर्विस प्रोवाइडर (पीओपी-एसपी Point of Presence- Service Provider) के माध्यम से लागू किया जाता है. इन स्थानों पर आवेदन पत्र स्वीकार किए जाते हैं और स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (पीआरएएन) बनाने के लिए सब्सक्राइबर को सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी (सीआरए Central RecordKeeping Agency CRA) के साथ पंजीकृत करवाते हैं. साथ ही भविष्य के सभी लेन-देन के लिए पीआरएएन (प्रान PRAN Permanent Retirement Account Number) का उल्लेख किया जाता है.
एनपीएस के खाते दो प्रकार के
एनपीएस में दो तरह के खाते होते हैं – टियर I और टियर II. टियर- I खाता वह खाता है, जिसमें ग्राहक सेवानिवृत्ति के लिए अपनी बचत को 60 वर्ष की आयु तक गैर-निकासी योग्य खाते में योगदान करते हैं और अपने शेष जीवन के लिए पेंशन प्राप्त कर सकते हैं.
टियर-I के मामले में
खाता खोलते समय न्यूनतम अंशदान – रु.500/-
प्रति अंशदान न्यूनतम राशि – रु. 500/-
वित्तीय वर्ष के अंत में न्यूनतम खाता शेष – रु. 6000/-
एक वर्ष में योगदान की न्यूनतम संख्या – 1
यहां पर ग्राहक 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद योजना से बाहर निकल सकते हैं. उसे संचित पेंशन धन का 40% अनिवार्य रूप से एनुइटी प्लान(Annuity) करना होगा. यहां पर 100% कॉर्पस का एनुइटी करने का विकल्प भी उपलब्ध है.
वहीं, टियर-II खाता एक स्वैच्छिक बचत खाता है. इसमें ग्राहक जब चाहे अपनी बचत निकालने के लिए स्वतंत्र होता है. टियर-II खाता मौजूदा स्थायी सेवानिवृत्ति खाता (पीआरए PRA Permanent Retirement Account) धारकों के लिए उपलब्ध होता है. यहां पर टियर I के अतिरिक्त एवं उसके ऊपर निवेश के माध्यम से बचत की सुविधा मिलती है. यह जान लें कि टियर II खाता खोलने के लिए पूर्व में एक सक्रिय टियर I खाता होना जरूरी है.
टियर II के संबंध में खाता खोलने और वार्षिक रखरखाव के लिए कोई अतिरिक्त सीआरए (Central RecordKeeping Agency) शुल्क (Charge Per Transaction) नहीं लगाया जाएगा. वहीं, सीआरए टियर II में प्रत्येक ट्रांजैक्शन के लिए अलग से चार्ज करेगा, जो कि टीयर I में निर्धारित ट्रांजेक्शन चार्ज स्ट्रक्चर के अनुरूप होगा. बता दें कि टियर II में निकासी की संख्या की कोई सीमा नहीं है. इसके अलावा टियर I और टियर II में अलग-अलग नामांकन और योजना प्रेफेरेंस की सुविधा है. यहां पर टीयर II से टियर I में बचत के एकतरफा हस्तांतरण की भी सुविधा है. उल्लेखनीय है कि टियर II खाता खोलने के लिए बैंक विवरण अनिवार्य रखा गया है. टियर II खाता खोलने के लिए अलग से केवाईसी की आवश्यकता नहीं होगी; केवल पहले से मौजूद टियर I खाते की आवश्यकता है.
टियर II के मामले में,
खाता खोलते समय न्यूनतम अंशदान –रु.1000/-
प्रति अंशदान न्यूनतम राशि – रु. 250/-
वित्त वर्ष के अंत में न्यूनतम खाता शेष-रु. 2000/-
एक वर्ष में योगदान की न्यूनतम संख्या – 1
टियर I और टियर II दोनों के लिए समग्र आवेदन के मामले में, खाता खोलने के समय न्यूनतम योगदान रु. 1500/- होना चाहिए.
योजना का लाभ कैसे मिलता है
प्रक्रिया पूरी होने के बाद योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति को सीआरए द्वारा स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (पीआरएएन) के बारे में सूचित किया जाता है. इसके बाद सीआरए द्वारा प्रान प्रदान करने के बाद, ग्राहक अपने चुने हुए पीओपी-एसपी के माध्यम से अपनी सदस्यता जमा करना शुरू कर सकते हैं. योजना में सीआरए सभी सब्सक्रिप्शन का रिकॉर्ड रखता है.
एक सब्सक्राइबर अपने हिसाब से उपलब्ध तीन विकल्पों में से किसी एक में निवेश की इजाजत देता है.
पहला – उच्च जोखिम उच्च रिटर्न (एसेट क्लास ई): मुख्य रूप से इक्विटी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश.
दूसरा – मध्यम जोखिम मध्यम रिटर्न (एसेट क्लास सी): सरकारी प्रतिभूतियों के अलावा अन्य ऋण प्रतिभूतियों में निवेश.
तीसरा – कम जोखिम कम रिटर्न (एसेट क्लास जी): सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश.