नई दिल्ली. विराट कोहली के बाद जब रोहित शर्मा ने पिछले साल तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम की कमान संभाली थी तो हर किसी को हिटमैन से आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म करने की उम्मीदें थी। इस सूची में पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का भी नाम शामिल था। मगर जब टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप 2022 और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में फेल हुई तो लिटिल मास्टर रोहित शर्मा से तो निराश हुए ही साथ ही उन्होंने कोचिंग स्टाफ में मौजूद राहुल द्रविड़, विक्रम राठौड़ और पारस म्हाम्ब्रे से भी अधिक जवाबदेही की भी मांग की।
द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में सुनील गावस्कर ने कहा ‘मुझे उससे (रोहित) अधिक उम्मीद थी। भारत में यह अलग है, लेकिन जब आप विदेशों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो वास्तव में यही असली टेस्ट होता है। यहीं पर उनका प्रदर्शन थोड़ा निराशाजनक रहा है। यहां तक कि टी20 फॉर्मेट में भी, आईपीएल के तमाम अनुभव, कप्तान के रूप में सैकड़ों मैचों के बावजूद, सर्वश्रेष्ठ आईपीएल खिलाड़ियों के मिश्रण के साथ फाइनल में नहीं पहुंच पाना निराशाजनक रहा।’
पूर्व भारतीय कप्तान ने यह भी जानना चाहा कि क्या चयनकर्ताओं और बीसीसीआई द्वारा भारत की हार की उचित समीक्षा की गई थी? वहीं पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया से भारत की वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप हार के बारे में विशेष रूप से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित से डब्ल्यूटीसी फाइनल में लिए गए फैसलों के बारे में पूछा जाना चाहिए थे कि हर फैसले के पीछे उनकी क्या सोच थी।
लिटिल मास्टर ने कहा ‘उन्हें सवाल पूछे जाने चाहिए कि, ‘आपने पहले फील्डिंग क्यों की?’ ठीक है, टॉस के समय यह बताया गया था कि बादल छाए हुए थे। इसके बाद सवाल यह होना चाहिए, ‘आपको शॉर्ट बॉल के खिलाफ ट्रैविस हेड की कमजोरी के बारे में नहीं पता था?’ बाउंसर का इस्तेमाल तब क्यों किया गया जब वह 80 रन पर पहुंच गए थे। आप जानते हैं, जैसे ही हेड बल्लेबाजी के लिए आए, कमेंट्री बॉक्स में रिकी पोंटिंग कह रहे थे, ‘उसे बाउंसर डालो, उसे बाउंसर डालो।’ हर कोई इसके बारे में जानता था लेकिन हमने कोशिश नहीं की।’
डब्ल्यूटीसी फाइनल में मिली हार के बाद रोहित शर्मा ने तैयारी की कमी पर सवाल उठाए थे, उन्होंने कहा था कि एक आइडल टीम को इस तरह के बड़े मुकाबलों के लिए कम से कम 20 दिन तैयारियों के लिए चाहिए होते हैं।
गावस्कर रोहित शर्मा के इस बयान से सहमत नहीं दिखे। उन्होंने कहा ‘हम किस तरह की तैयारी की बात कर रहे हैं? अब वे वेस्टइंडीज में हैं। आपके सामने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का उदाहरण है। क्या आप वहां कोई मैच खेल रहे हैं? तो ये 20-25 दिन वाली बात क्या है? … जब आप तैयारी के बारे में बात करते हैं, तो इसके बारे में वास्तविक रहें। 15 दिन पहले जाकर दो वॉर्म-अप मैच खेलें, मुख्य खिलाड़ी आराम कर सकते हैं, लेकिन सीमांत खिलाड़ी वास्तव में उन लोगों को चुनौती दे सकते हैं जो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं।’