लखनऊ. देश में भले ही लोकसभा का चुनाव साल 2024 में होने वाला है, मगर सभी राजनीतिक पार्टियां अभी से वोटबैंक संभालने व बढ़ाने में जुट गई हैं। भाजपा, सपा व कांग्रेस जहां गठबंधन के लिए नए धड़े को तलाश रही हैं। वहीं बसपा ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। मगर, बसपा सुप्रीमो मायावती दिल्ली में बैठकर नए सिरे से सियासी बिसात बिछाने में लगी हैं। वह प्रभारियों से मिले फीडबैक पर अमल कर रही हैं। फीडबैक पर ही वह मैदान में निकल कर समीकरण ठीक करने की योजना पर काम कर रही हैं। बताया जा रहा है कि इसके शुरुआत वह हरियाणा से करेंगी।
बसपा सूत्रों का कहना है कि मायावती द्वारा ली जाने वाली बैठकों में उन्हें फीडबैक भी अच्छा नहीं मिल रहा है। कुछ एजेंसियों द्वारा कराए गए सर्वे में भी उनकी स्थिति अच्छी नहीं बताई गई है। कुछ राज्यों खासकर यूपी में जो फीडबैक आया है उसमें उनके बाहर न निकलने से स्थिति खराब होने की वजह बताई जा रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि उनके खास सलाहकारों ने भी उन्हें इस बार चुनाव से पहले बाहर निकलने की सलाह दी है। बताया जा रहा है कि इसके आधार पर ही वह इस बार चुनावी तैयारियों का जायजा लेने और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए बाहर निकलने की तैयारियां कर रही हैं।
मायावती के लिए लोकसभा का यह चुनाव काफी अहम है। वर्ष 2019 के चुनाव में सभी पुरानी बातों को भूलते हुए उन्होंने युवा समाजवादी अखिलेश यादव से गठबंधन कर चुनाव लड़ी। वर्ष 2014 के चुनाव की अपेक्षा उन्हें फायदा हुआ। शून्य पर रहने वाली बसपा 10 सीटें जीत गई। यह बात अलग है कि मायावती ने गठबंधन तोड़ते वक्त सपा के खाते का वोट न मिलने का आरोप लगाया। इसके तीन साल बाद यूपी में 2022 में हुआ विधानसभा चुनाव बसपा अपने दम पर लड़ी और मात्र एक सीट ही जीत पाई। इसीलिए मायावती के लिए यह चुनाव अहम है। वह इन दिनों दिल्ली में बैठक राज्यवार स्थिति की समीक्षा कर रही हैं। यह देख रही हैं कि कहां किस पार्टी से गठबंधन हो सकता है। वह अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग पार्टियों से गठबंधन के संकेत भी दे रही हैं।
लोकसभा चुनाव में बसपा की स्थिति
वर्ष जीते वोट प्रतिशत
2019 10 19.4
2014 शून्य 19.77
2009 20 27.42
2004 19 6.66